बिजनेस
एसोचैम ने की इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए कम कर की मांग
नई दिल्ली, 3 जनवरी (आईएएनएस)| उद्योग मंडल एसोचैम ने बुधवार को आगामी आम बजट में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के विनिर्दिष्ट घटकों की वास्तविक लागत पर 150-200 फीसदी की भारित कर कटौती की सिफारिश की है।
मंडल ने यहां एक बयान जारी कर कहा, करों में कटौती की आवश्यकता है क्योंकि वित्त, ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स/परिवहन से संबंधित लागत उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा है।
बयान में मंडल द्वारा केंद्र सरकार प्रत्यक्ष कर पर की गई सिफारिश के हवाले से कहा गया, इसके अलावा, ये लागत लेखा परीक्षण योग्य है और कंपनी के वित्तीय स्टेटमेंट में भी इनका विधिवत उल्लेख होता है।
बयान के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में निजी निवेश में तेजी वापस लाने के लिए एसोचैम ने क्षेत्र के लिए वेंचर कैपिटल पूल बनाने की सलाह दी है, जिसका समन्वय किसी बैंक/स्पेशल पपर्ज वेहिकल द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत किया जा सकता है।
एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा, भारत के 100 अरब डॉलर वाले इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में पूंजीगत वित्त की उपलब्धता बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि एक वेंचर कैपिटल पूल का निर्माण किया जाए।
बयान में कहा गया कि इस पूल में योगदान करनेवालों को लाभांश पर कर प्रोत्साहन दिया जाए, जबकि निर्माताओं को कर में छूट दी जाए।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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