Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

ऑस्ट्रेलिया में उबर से प्रतिस्पर्धा करने उतरी ओला

Published

on

Loading

बेंगलुरू, 30 जनवरी (आईएएनएस)| भारतीय ऑनलाइन कैब समूह ओला ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपने प्रवेश की घोषणा की। अपने अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी उबर से टक्कर लेने के लिए इसकी शुरुआत ऑस्ट्रेलिया से की जाएगी। कंपनी के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, हमने मंगलवार से सिडनी, मेलबर्न और पर्थ में निजी वाहनों और चालकों को भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है और आने वाले दिनों में यात्रा के शुरू होने की संभावना है।

कंपनी के सह संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भावीश अग्रवाल ने एक बयान में कहा, कंपनी ऑस्ट्रेलिया में कारोबार की बड़ी संभावना देख रही है।

अग्रवाल ने कहा, हमारा लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया में नागरिकों के लिए एक उच्च गुणवत्ता और किफायती यात्रा अनुभव की रचना और स्वस्थ गतिशील यात्रा वातावरण में योगदान करना है।

2011 में स्थापना के बाद ओला भारतीय बाजार में उबर के खिलाफ प्रतिस्पर्धा कर रही है।

ओला के वर्तमान में भारत के अंदर 12.50 करोड़ उपयोगकर्ता हैं और इसका संचालन 110 शहरों में है। कंपनी का मुख्यालय बेंगलुरू में है।

Continue Reading

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

Published

on

Loading

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

Continue Reading

Trending