मुख्य समाचार
ओशो धर्म, जातिवाद के खिलाफ थे : सुभाष घई
नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)| ओशो उर्फ आचार्य रजनीश की बायोपिक का निर्देशन कर रहे फिल्मकार सुभाष घई का मानना है कि बड़े नेताओं-आध्यात्मिक या राजनीतिक लोगों को जीवित रहते हुए अक्सर गलत समझा जाता है, लेकिन दशकों बाद पूजा की जाती है।
‘ओशो : द अदर साइड ऑफ द ओशियन’ नामक अंग्रेजी फिल्म ‘इतालवी निर्देशक लक्सन सुकामेली’ द्वारा निर्देशित है।
लोकप्रिय धारणा के विपरीत कि ओशो एक विद्रोही थे। इसके उलट ओशो की शिक्षाओं के छात्र घई का स्वयं मानना है कि आध्यात्मिक नेता अपने जीवन सिद्धांतों और दर्शन के साथ अपने समय से आगे थे।
उन्होंने कहा, सभी नेताओं को उनके जीवन के दौरान गलत समझा गया है, 50 वर्षो बाद उनकी पूजा की जाती है, इसलिए वे ओशो हैं। लोग चाहते हैं कि उनके नेता उनकी भाषा बोलें, लोगों के साथ समस्या है कि वो जैसे सोचते हैं वैसे ही लोग सोचें।
घई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा, क्या नरेंद्र मोदी विवादास्पद नहीं हैं? कोई भी जो अपने समय से पहले सोचता है वह एक विवादास्पद व्यक्ति हैं।
घई ने कहा, नेता प्रगति करना चाहते हैं, लेकिन लोग प्रगति नहीं करना चाहते हैं।
घई ने कहा कि भारत में कई आध्यात्मिक नेता हैं, लेकिन देश के बाहर उन्हें अधिक सम्मान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह है कि भारत में धर्म आध्यात्मिकता पर हावी है।
सुभाष घई ने कहा, वह हमेशा धर्म और जातिवाद के खिलाफ था। यही कारण है कि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान की आवश्यकता है। वह अंतर्राष्ट्रीय ज्ञान और सत्य थे।
भविष्य परियोजनाओं के बारे में घई ने कहा कि अगले साल उनकी बड़ी फिल्में रिलीज करने की योजना है।
उन्होंने कहा, ‘राम लखन’, ‘खलनायक’, ‘ऐतराज’ और ‘हरिचरण’ जैसी फिल्मों को रीमेड करेंगे और अगले साल नई फिल्मों का निर्माण करेंगे।
मुख्य समाचार
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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