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कटारा हत्याकांड : विकास की याचिका पर जल्द सुनवाई नहीं

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नई दिल्ली| दिल्ली उच्च न्यायालय ने नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी ठहराए गए विकास यादव की पैरोल की याचिका पर जल्द सुनवाई करने से शुक्रवार को इंकार कर दिया। विकास ने अपनी बीमार दादी से मिलने के लिए पैरोल की अपील की थी। विकास के वकील ने याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया, लेकिन न्यायमूर्ति ए.के.पाठक ने याचिका खारिज कर दी।

विकास के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल के साथ अन्य दोषियों की तरह व्यवहार नहीं किया जा रहा है और इसलिए संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत मिले कानून के समक्ष समानता के उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।

अन्य दोषियों की तरह उनके साथ समान व्यवहार किए जाने का अनुरोध करते हुए उनके वकील ने कहा कि आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे सभी दोषियों को पैरोल दी जाती है।

इधर, इस दलील को खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा, “मैं इस मुद्दे को अलग करके क्यों देखूं। उन्हें इसका खामियाजा किस प्रकार भुगतना पड़ रहा है?”

मामले पर अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।

नीतीश कटारा की हत्या के मामले में किसी भी तरह की छूट न देते हुए विकास यादव और उनके चचेरे भाई विशाल यादव को 30 साल कारावास की सजा दी गई है। नीतीश, विकास की बहन का दोस्त था।

न्यायालय ने छह फरवरी को अपने एक फैसले में कहा था कि दोनों भाई इलाज के नाम पर गलत तरीके से अस्पताल गए और व्यवस्था का जानबूझकर दुरुपयोग किया।

राजनेता डी.पी.यादव के बेटे विकास ने 93 वर्षीया बीमार दादी को देखने के लिए पैरोल की मांग की थी। विकास ने गुहार लगाई थी कि वह पिछले 13 सालों से जेल में है और इस दौरान उसका व्यवहार अच्छा रहा है।

याचिका में दलील दी गई है कि उसकी दादी की एंजीयोप्लास्टी की गई है और वह उनकी देखभाल के लिए कुछ समय उनके साथ बिताना चाहता है।

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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