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प्रादेशिक

कर्जमाफी के लिए यूपी में भाजपा सरकार बनाने की शर्त क्यों? : राहुल

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सीतापुर। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए प्रचार के सिलसिले में गुरुवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सीतापुर पहुंचे। उन्होंने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की कर्जमाफी के लिए यूपी में भाजपा की सरकार बनाने की शर्त क्यों रख रहे हैं?

जनसभा में राहुल ने कहा, “मोदीजी, किसानों का कर्ज माफ करने के लिए आपको यूपी में भाजपा सरकार की जरूरत क्यों लग रही है? आप पीएम हैं, कर्ज माफ कर सकते हैं। आप किसानों पर यह शर्त क्यों थोप रहे हैं? आपका इरादा नेक नहीं है, वरना यह शर्त नहीं थोपते। आपको किसानों से नहीं, सिर्फ सत्ता से मतलब है।”

रैली में देर से पहुंचने का दोष उन्होंने मोदी सरकार पर मढ़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में प्रधानमंत्री की फ्लाइट थी, इसलिए उनकी फ्लाइट आधे घंटे लेट की गई।

राहुल ने कहा कि नोटबंदी कर मोदी ने पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाया। उन्होंने पूछा कि क्या बैंकों की लाइन में लगे गरीब, मजदूर चोर हैं? मोदी ने 50 परिवारों का 1.40 लाख करोड़ माफ किया। लेकिन किसानों का कर्ज माफ करने का इरादा नहीं रखते।

उन्होंने कहा कि मोदी ने 15 लाख और रोजगार देने की बात की थी, लेकिन अपने वादे पूरे नहीं किए।

‘मेक इन इंडिया’ के नारे पर तंज कसते हुए राहुल ने कहा कि स्थानीय रोजगार पर ध्यान नहीं नहीं दिया जा रहा है। जब उसमें मदद नहीं तो फिर कैसे होगा मेक इन इंडिया?

उन्होंने कहा, “हम रोजगार के लिए लोगों की मदद करेंगे। मोबाइल चीन से आ रहा, पेटीएम चीन की कंपनी है, यहां का पैसा वहां जा रहा है। हम चाहते हैं कि यहां का उत्पाद चीन में बिके। वहां का पैसा यहां आए। लेकिन मोदी यहां का पैसा वहां जाने दे रहे हैं और पेटीएम का प्रचार भी कर रहे हैं।”

राहुल ने कहा, “मोदी जी मन की बात करना बंद कर जनता के पास जाकर उनकी परेशानी देखें। लोगों का दुख-दर्द सुनें। वह तो सिर्फ कहते हैं, किसी की सुनते नहीं।”

राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। प्रदेश के हर शहर में युवाओं के लिए मुफ्त कोचिंग सेंटर खोले जाएंगे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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