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कर्नाटक चुनाव : शिमोगा में प्रसन्ना और ईश्वरप्पा में टक्कर
नई दिल्ली, 9 मई (आईएएनएस)| कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 में एक ओर राज्य के दो दिग्गजों सत्तारूढ़ कांग्रेस के सिद्धारमैया और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बी.एस. येदियुरप्पा के बीच मुख्यमंत्री पद की टक्कर है तो वहीं शिमोगा में भी भाजपा और कांग्रेस के कद्दावर नेता के बीच जंग है। शिमोगा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के के.एस. ईश्वरप्पा और कांग्रेस के.बी. प्रसन्ना कुमार मैदान में हैं।
कर्नाटक विधानसभा सीट संख्या-113 शिमोगा निर्वाचन क्षेत्र एक ग्रामीण तालुका है और शिमोगा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। यह निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति समुदाय के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। कर्नाटक सरकार ने इस निर्वाचन क्षेत्र का नाम शिवमोगा से बदल कर शिमोगा रख दिया था। शिवमोगा का अर्थ ‘शिव का चेहरा’ है। शिमोगा राज्य में चावल का सबसे बड़ा उत्पादक है और इसे कर्नाटक का ‘चावल का कटोरा’ भी कहा जाता है। शिमोगा निर्वाचन क्षेत्र में पुरुष मतादाताओं की संख्या 1,03,626 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,03,409 है।
बात करें क्षेत्रीय राजनीति की तो विधानसभा चुनाव 2013 में शिमोगा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के मौजूदा विधायक के.बी. प्रसन्ना कुमार ने 39,355 वोटों के साथ 50.18 फीसदी वोट हासिल किए थे जबकि कर्नाटक जनता पक्ष के एस. रुद्रगौड़ा ने 49.82 प्रतिशत वोटों के साथ 39,077 मत प्राप्त किए थे।
सत्तारूढ़ कांग्रेस ने मौजूदा विधायक के.बी. प्रसन्ना कुमार को ही अपना प्रत्याशी घोषित किया है। के.बी. प्रसन्ना कुमार उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने 2013 में राज्य के उपमुख्यमंत्री रहे के.एस. ईश्वरप्पा को हराया था, जिसके बाद उन्हें कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार किया जाना लगा।
वहीं भाजपा ने 2012 से 2013 तक जगदीश शेट्टर की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार मेंउपमुख्यमंत्री रहे के.एस. ईश्वरप्पा को एक बार फिर से श्मिोगा में चुनाव मैदान में उतारा है। ईश्वरप्पा वर्तमान में कर्नाटक विधान परिषद में विपक्ष के नेता के भूमिका निभा रहे हैं।
आरएसएस के कार्यकर्ता के रूप में अपनी सार्वजनिक जिंदगी की शुरुआत करने वाले ईश्वरप्पा शिमोगा के राष्ट्रीय वाणिज्य कॉलेज में आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गए थे। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए।
आपातकाल के दौरान (1975-77), उन्हें बेल्लारी जेल में गिरफ्तार कर लिया गया। आपातकाल हटने के बाद, वह राजनीति में सक्रिय हो गए और 1982 में उन्हें भाजपा के शिमोगा शहर इकाई के अध्यक्ष बना दिया गया। उन्होंने 1989 में शिमोगा से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री के.एच. श्रीनिवास को 1,304 वोटों के अंतर से हरा दिया। इस जीत के साथ वह लोकप्रिय हो गए और चार बार इस क्षेत्र पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहे।
उन्हें 1992 में भाजपा की राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया और उनके नेतृत्व में 1994 विधानसभा चुनावों में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया जिसके लिए वर्ष 2000 में राजग सरकार में उन्हें केंद्रीय सिल्क बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वर्ष 2008 विधानसभा चुनावों में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद उन्हें बी.एस. येदियुरप्पा सरकार में ऊर्जा मंत्री बनाया गया। लेकिन 2013 विधानसभा चुनावों में ईश्वरप्पा को कांग्रेस के प्रसन्ना कुमार ने लगभग 6,000 मतों के अंतर से हरा दिया। भाजपा ने शिमोगा में ईश्वरप्पा के वर्चस्व को देखते हुए एक बार फिर से उनपर भरोसा जताया है और उन्हें कांग्रेस के मौजूदा विधायक के खिलाफ मैदान में उतारा है।
वहीं जनता दल-सेक्युलर ने एच.एन. निरंजन, ऑल इंडिया महिला इंपॉवरमेंट पार्टी ने मोहम्मद युसूफ खान, रिपब्लिकन सेना ने एम. रमेश, जन समानार्य पार्टी ने रमेश गौड़ा, नम्मा कांग्रेस ने एम. समीउल्ला, प्रोटिस्ट ब्लॉक इंडिया ने सुरेखा पी.वी. को दिग्गजों के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है। इसके अलावा 12 निर्दलीय चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पहले ही जनता दल-सेक्युलर को अपना समर्थन देने की घोषणा कर चुकी है।
कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 12 मई को मतदान होगा और मतों की गणना 15 मई को होगी।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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