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अन्तर्राष्ट्रीय

कुर्द मिलीशिया व वाशिंगटन में संबंध से अमेरिका से रिश्ते खराब हुए : तुर्की

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इस्तांबुल, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)| तुर्की के प्रधानमंत्री ने कहा है कि अमेरिका समर्थित कुर्दिश पीपुल्स प्रोटेक्शन युनिट्स (वाईपीजी) और कुर्दिश वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के संस्थापक के बीच स्पष्ट रिश्ता होने की वजह से वाशिंगटन के साथ उनके देश के संबंध को गहरा आघात पहुंचा है।

समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली यिल्दिरिम यह बातें शुक्रवार को एक फोटो का हवाला देते हुए कहीं। फोटो में सीरिया के रक्का शहर में वाईपीजी के लड़ाकों को दिखाया गया है जिनके पास पीकेके संस्थापक अब्दुल्ला ओकलान की तस्वीर के साथ उनका गुणगान करते हुए एक बड़ा बैनर है।

यिल्दिरिम ने अमेरिका के रुख पर दुख जताया और कहा कि इसकी वजह से वाशिंगटन और अंकारा के बीच रिश्तों को गहरा धक्का लगा है।

ओकलान 1999 से तुर्की के इमरेली द्वीप स्थित जेल में बंद है। उसे आजीवन कारावास की सजा मिली है और उनके ग्रुप को तुर्की, अमेरिका व यूरोपीय संघ ने आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया हुआ है।

यिल्दिरिम ने कहा कि यह तस्वीर इस बात की तस्दीक करती है कि क्या नतीजा होता है जब अमेरिका एक ‘आतंकी’ संगठन को सहयोग करता है और उसी के साथ दूसरे को खत्म करने की कोशिश करता है।

सीरिया में आईएस के खिलाफ जंग में अमेरिका की अगुवाई वाले अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन समर्थित व कुर्द नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस (एसडीएफ) में वाईपीजी सबसे बड़ा गुट है।

तस्वीर व वाईपीजी के ओकलान से रिश्ते के बारे में पूछे जाने पर गुरुवार को पेंटागन की प्रवक्ता डेना ह्वाइट ने तुर्की की न्यूज एजेंसी एनादोलू से कहा कि अमेरिका आईएस के खिलाफ अपनी लड़ाई में एसडीएफ के साथ मिलकर काम करता रहेगा।

इसके कुछ ही घंटे बाद तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एदरेगन ने भी उस तस्वीर पर एक प्रेसवार्ता में टिप्पणी की, जिसका टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया गया। एदरेगन ने अमेरिका से यह साफ करने को कहा कि रक्का में बैनर पर ‘आतंकी सरगना’ की तस्वीर क्यों है।

एदरेगन ने याद दिलाया ओकलान की ऐसे ही तस्वीर पेरिस में पीकेके समर्थकों व जर्मनी में कुर्दिश प्रदर्शनकारियोंने लहराई थी। उन्होंने यूरोपीय संघ के देशों पर वास्तव में आतंकवाद का विरोध नहीं करने का आरोप लगाया क्योंकि उनकी पुलिस ऐसे प्रदर्शनों को सुरक्षा प्रदान करती है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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