प्रादेशिक
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 40 फीसदी पद रिक्त
लखनऊ,। भारत के विश्वगुरु बनने का ख्वाब कहीं ख्वाब ही बनकर न रह जाए, क्योंकि उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने के लिए गुरुजी ही नहीं हैं। अकेले केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ही तकरीबन 40 फीसद शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
देश में कुल 39 विश्वविद्यालयों में 16,339 शिक्षकों के पद हैं। इनमें से 6,107 पद खाली चल रहे हैं। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के जरिए इसका खुलासा हुआ है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में ही 368 और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में 708 शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता भूपेश कुमार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की जनसूचना अधिकारी सुषमा राठौर ने बताया कि देश के 39 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में जनवरी 2015 तक प्रोफेसर के 1273, एसोसिएट प्रोफेसर के 2193 और असिस्टेंट प्रोफेसर के 2641 पद रिक्त हैं।
वर्गवार आंकड़ा देखें तो सामान्य जाति के रिक्त पद 3089, पिछड़ा वर्ग के 1041, अनुसूचित जाति के 1135, अनुसूचित जाति के 610 और पीडब्ल्यूडी के 232 पद रिक्त हैं।
ऐसा हाल तब है, जबकि हम दुनिया के शीर्ष उच्च शिक्षण संस्थानों में स्थान बनाने के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि बगैर शिक्षक अच्छे छात्र कहां से निकलेंगे।
विश्वविद्यालयों की ताजा स्थिति :
विश्वविद्यालय कुल पद तैनाती रिक्त पद
एएमयू 1517 1144 368
बीएचयू 1932 1224 708
हैदराबाद 556 413 117
दिल्ली विवि 1706 806 900
जेएनयू 909 544 365
इलाहाबाद विवि 852 337 515
पांडिचेरी विवि 489 373 116
हिमाचल विवि 188 67 121
झारखंड विवि 169 96 71
जामिया इस्लामिया 829 687 140
केंद्रीय विवि (बिहार) 153 64 89
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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