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केंद्र सरकार के खजाने में बैंकिंग व वित्तीय कर से आए 42 हजार करोड़!

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भोपाल 30 अप्रैल (आईएएनएस)| एक कहावत है- ‘चाकू चाहे तरबूज पर गिरे या तरबूज गिरे चाकू पर, कटना तरबूज को ही है।’ इस समय ठीक यही हाल बैंकिंग सेवा का लाभ लेने वाले ग्राहकों का है। बैंक की आप कोई भी सेवा लें, कर आपको देना ही होगा और इससे सरकार का खजाना भरेगा। बीते पांच सालों में बैंकिंग ग्राहक सेवाओं से कर के जरिए सरकार के खजाने में 42 हजार करोड़ से ज्यादा रकम पहुंची है। वहीं बैंकों द्वारा सेवाओं के एवज में ली गई राशि अलग है।

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बैंक जो भी बैंकिंग व वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराते हैं, उसके एवज में ग्राहक से रकम वसूलते हैं, इसके अलावा केंद्र सरकार को सेवाकर या जीएसटी से रकम हासिल होती है। बीते पांच वर्षो में ही बैंकों द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाओं पर लगाए गए कर से सरकार ने 42262़ 11 करोड़ रुपये आर्जित किए हैं। यह खुलासा हुआ है, सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत वित्त मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी से।

मध्यप्रदेश के नीमच जिले के सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने आरटीआई के तहत वित्त मंत्रालय के मुख्य लेखा नियंत्रक से यह जानकारी चाही थी कि बैंकिंग सेवाओं से सेवाकर और जीएसटी से बीते पांच वर्षो में सरकार को कुल कितनी आय हुई है?

गौड़ को विभाग के मुख्य सूचना अधिकारी और लेखाधिकारी कुसुम पनवार ने जो जानकारी भेजी है, उससे पता चला है कि केंद्र सरकार बैंकिंग सेवाओं के जरिए भी उपभोक्ता की ‘जेब काटने’ में लगी है।

ब्यौरे के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2016-17 की अवधि में बैंकिंग सेवा से कर के तौर पर 42262़ 11 करोड़ रुपये केंद्र सरकार के खजाने में पहुंचे हैं।

ब्यौरे के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2012-13 में 4961़ 30 करोड़, 2013-14 में 7176़52 करोड़ की राशि बैंकिंग सेवा के कर से हासिल हुई। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2014-15 में 8095़ 11 करोड़, 2015-16 में 10998़58 करोड़ और 2016-17 में 11030़ 11 करोड़ की रकम सेवाकर व जीएसटी के तौर पर अर्जित की गई।

बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं से आशय एटीएम ट्रांजेक्शन, चेक, डाफ्ट, फिक्सड डिपोजिट, लॉकर चार्ज, कर्ज आदि से है। इस पर सरकार ने सेवाकर या जीएसटी लगा रखा है। सेवाकर कभी 12 प्रतिशत हुआ करता था, मगर अब जीएसटी 18 प्रतिशत पर पहुंच गया है। इस तरह बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के जरिए सरकार ‘ग्राहकों की जेब काटकर अपना खजाना भरने में लगी है।’

सामाजिक कार्यकर्ता गौड़ का कहना है कि एक तरफ बैंकिंग सेवाओं से केंद्र सरकार को मिलने वाला राजस्व साल-दर-साल लगातार बढ़ रहा है, फिर भी बैंकिंग एवं बीमा सेवाओं पर वसूला जाने वाला सेवा कर जो अब जीएसटी हो गया है, की दर को लगातार बढ़ाया जा रहा है।

गौड़ सवाल करते हैं कि आखिर सरकार बैंकिंग सेवाओं से कुल कितना राजस्व हासिल करना चाहती है? बैंकिंग सेवाओं से मिलने वाले राजस्व का लक्ष्य क्या है? चूंकि बैंकिंग व बीमा सेवाओं पर वसूले जाने वाले शुल्कों का सर्वाधिक भार आम आदमी पर ही पड़ता है, इसलिए बैंकिंग सेवाओं पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी नहीं वसूला जाना चाहिए। बैंकिंग एवं बीमा सेवाओं पर जीएसटी की दर को अविलंब कम किया जाना चाहिए, ताकि आम बैंकिंग उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिल सके।

केंद्र सरकार हर व्यक्ति को बैंकिंग सेवा से जोड़ रही है। इसी योजना के तहत जन धन खाते खुलवाए गए हैं। कर वसूलने के लिए ही ई-बैंकिंग सेवा और प्लास्टिक मनी पर जोर दिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर बैंक खाते में न्यूनतम राशि से कम होने पर बैंक उपभोक्ता से बतौर जुर्माना वसूल करते हैं, तो सेवाएं देने के एवज में शुल्क लेते हैं। साथ ही सरकार भी सेवाकर जो अब ‘जीएसटी’ हो गया है, वसूल करती है।

दरअसल, केंद्र सरकार बैंकिंग सेवाओं से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़कर ज्यादा से ज्यादा राजस्व हासिल करना चाहती है। यही कारण है कि सरकार बैंकिंग सेवा पर लगने वाले कर को कम करने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि इससे उसका खजाना तेजी से भर रहा है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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