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बिजनेस

कॉटन के दाम दो दिन में 1200 रुपये बढ़े

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नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)| कॉटन सचमुच इस साल भारतीय किसानों के लिए सफेद सोना साबित हो रहा है। अच्छी फसल होने के बावजूद कॉटन में लगातार तेजी रहने से किसानोंे को अपनी फसल का लाभकारी मूल्य मिल रहा है। पिछले दो दिनों में देशभर के बाजारों में कॉटन के हाजिर भाव में तकरीबन 1200-1300 रुपये प्रति कैंडी (170 किलोग्राम) की बढ़त दर्ज की गई है। वायदे में भी जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है। बाजार के जानकारों के मुताबिक, अमेरिकी कॉटन में निर्यात मांग में इजाफा होने से कॉटन की कीमतों को सपोर्ट मिला है।

बेंचमार्क कॉटन क्वालिटी एस-6 (29 एमएम) में शुक्रवार को गुजरात में पिछले कारोबारी सत्र के मुकाबले 900-1,000 रुपये ऊंचे भाव 42,700 रुपये प्रति कैंडी पर सौदे हुए। गुरुवार को भी 200-300 रुपये प्रति कैंडी का इजाफा दर्ज किया गया। हरियाणा के फतेहाबाद में जे-34 क्लालिटी कॉटन 4,470 रुपये प्रति मन (37.3 किलोग्राम) पर बिका, जबकि पूरे उत्तर भारत में कॉटन का भाव 4,460-70 रुपये प्रति मन रहा।

घरेलू वायदा बाजार में कॉटन के सौदों में शुक्रवार को डेढ़ फीसदी से ज्यादा का उछाल आया। एमसीक्स पर फरवरी डिलीवरी वाले बेंचमार्क कॉटन सौदे में 330 रुपये व 1.57 फीसदी की बढ़त के साथ 21,290 रुपये प्रति क्विं टल पर कारोबार हुआ। जबकि पिछले कारोबारी सत्र में कीमतों में दो फीसदी से ज्यादा का उछाल दर्ज करने के बाद सभी सौदे एक फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुए थे।

अमेरिका में चार जनवरी को समाप्त हुए समाप्त में कॉटन का निर्यात 2,74,500 गांठ (रनिंग बेल्स यानी 218 किलोग्राम प्रति बेल) रहा, जोकि उसके पिछले सप्ताह के मुकाबले 42 फीसदी ज्यादा है और पिछले एक महीने की बिक्री के औसत से 16 फीसदी ज्यादा है। अमेरिकी निर्यात के आंकड़े गुरुवार को आने के बार दुनियाभर के कॉटन बाजारों में जोरदार तेजी आई है।

इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर पिछले सत्र में कॉटन का बेंचमार्क मार्च वायदा 3.77 फीसदी बढ़त के साथ 82.65 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुआ था। अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में शुक्रवार को भी तेजी का रुख बना हुआ था।

वर्धमान टेक्सटाइल्स के मार्के टिंग डिवीजन के प्रमुख इंद्रजीत धूरिया का कहना है कॉटन बाजार पूरी तरह सटोरियों के हाथ में है और ऑन कॉल बुकिग के चलते लगातार तेजी का माहौल देखा जा रहा है। उन्होंने आशंका जताई कि कॉटन का बाजार आगे टूट सकता है क्योंकि कीमतों में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है।

इसके उलट, बाजार विशेषज्ञ गिरीश काबरा ने कहा कि मुनाफावसूली के कारण बाजार टूट भी सकता है लेकिन ज्यादा गिरावट की संभावना कम है क्योंकि पिछले साल के मुकाबले खपत में बढ़ोतरी के संकेत मिल रहे हैं।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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