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बिजनेस

कॉल और संदेशों को सुरक्षित रखेगा ‘बिटवॉल्ट स्मार्टफोन

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नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| एंबेडेड डाउनलोड्स ने भारत के वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज के साथ मिलकर दुनिया के पहले क्रिप्टो कम्यूनिकेटर और ब्लॉकचैन स्मार्टफोन ‘बिटवॉल्ट’ को लॉन्च करने की घोषणा की है। सुरक्षा इस फोन की सबसे खास विशेषता है, यही वजह है कि वॉयस कॉलिंग, वीडियो कॉलिंग, मैसेजिंग और दस्तावेजों को साझा करने जैसे सभी महत्वपूर्ण कार्यो को निजी ब्लॉकचैन के साथ सुरक्षित किया जा सकता है। ‘बिटवॉल्ट’ को लंदन फाइनटेक वीक (7 -14 जून 2017) में मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया के बाद 31 अक्टूबर 2017 को ब्रिटेन के लंदन में विश्व स्तर पर लॉन्च किया जाएगा और जल्द ही यह जनता के लिए बिक्री के लिए शुरू हो जाएगा।

बिटवॉल्ट, क्रिप्टोकरेन्सी (डिजिटल धन) के लेनदेन के लिए बनाया गया सबसे सुरक्षित उपकरण है और इसमें 5 बिटकॉइन वॉलेट एप है जो डिजिटल धन के लेनदेन के दौरान सुरक्षा प्रदान करता है। इस स्मार्टफोन में नए ब्लॉकचैन और क्रिप्टोकरेन्सी एप के लिए डिफॉल्ट बिट्स एप्लिकेशन स्टोर है। दर्जनों विशेषताओं से लैस बिटवॉल्ट में फिंगरप्रिंट लॉक के साथ साथ आईरिस स्कैन फीचर मौजूद है।

सुरक्षा बिटवॉल्ट का एक यूएसपी है, लेकिन इस स्मार्टफोन की यह एकमात्र विशेषता नहीं है जो इसे इस समय का सबसे आर्कषक फोन बनाती है। 5.5 इंच की टच स्क्रीन, 64 बिट 2.0 गीगाहर्टज ओक्टा कोर प्रोसेसर, 4 जीबी रैम और 64 जीबी की फ्लैश क्षमता, 4 जी एलटीई, वाईफाई, ब्लूटूथ, 13 मेगापिक्सल का रियर कैमरा और 8 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा इसे अब तक का सबसे स्मार्ट फोन बनाते हैं।

एंबेडेड डाउनलोड्स, यूके के संस्थापक और सीईओ हेन मारैस ने कहा, बिटवॉल्ट अपने कार्यों के लिए मुख्य रूप से ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है, इसके जरिए आपके कॉल या संदेश सुरक्षित रखे जा सकते है जिनपर सिर्फ आपका अधिकार होगा।

उन्होंने कहा, बिटवॉल्ट पर प्रयोग किए जाने वाले मोबाइल एप्लिकेशन बिटवॉल्ट पर ही काम करेंगे किसी दूसरे डिवाइस पर नहीं। डेवलपर्स द्वारा एप्लिकेशन के विकास को सक्षम करने के लिए कंपनी से डेवलपर लाइसेंस और डेवलपर बिटवॉल्ट डिवाइस खरीद सकेंगे।

वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और वीपी इंजीनियरिंग विवेक बंसल ने कहा, हम बिटवॉल्ट के विकास में एंबेडेड डाउनलोड से जुड़कर गर्व महसूस कर रहे हैं, जो जल्द ही एक प्रतिष्ठित कंपनी बनने वाली है। बिटवॉल्ट को सरकारी एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों, रक्षा/पुलिस, बिजली संयंत्रों, रसद फर्मो, साइबर सुरक्षा कंपनियों और किसी भी व्यवसाय या व्यक्तिगत संचार नेटवर्क की जरूरतों को बदलने के लिए तैयार किया गया है। चूंकि यह एक ब्लॉकचैनस्मार्ट फोन है और सुरक्षा बिटवॉल्ट का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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