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खाद्य सुरक्षा के लिए संघर्षो को समाप्त करना जरूरी : संयुक्त राष्ट्र

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रोम, 15 मई (आईएएनएस)| विश्व में खाद्य संकट के बढ़ते स्तर को रोकने के लिए हिंसक सघंर्षो का समापन, शांति एवं स्थिरता को आधार बनाना और भविष्य के संघर्षो को रोकने के उपाय करना काफी महत्वपूर्ण है। संयुक्त राष्ट्र ने एक नई रिपोर्ट में यह बात कही है। यूएन वल्र्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) फूड सिस्टम्स के अध्यक्ष स्टीवन वेयर ओमामो ने कहा, संघर्षो का समापन अत्यावश्यक है। स्टीवन ने यह रिपोर्ट तैयार की है।

स्टीवन ने कहा, खाद्य संकट को रोकने के लिए शिक्षा, बुनियादी ढांचे और आर्थिक वृद्धि में दीर्घकालिक निवेश भी बहुत जरूरी है।

उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि देश के खाद्य संकट के स्तर को सीमित करने में सहायता दे सकती है। कम आय वाले देश भी दीर्घकालिक निवेश कर इस खाद्य संकट को रोक सकते हैं।

हाल ही में जारी ‘वर्ल्ड फूड असिस्टेंस : प्रिवेंटिंग फूड क्राइसेस’ की रिपोर्ट में पाया गया कि संघर्ष वाले क्षेत्रों में शांति बहाल करने से सालाना खाद्य सहायता लागत को 50 फीसदी तक कम किया जा सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व बैंक के शांति एवं स्थिरता उपायों में इन शर्तों के जरिए एक-बिंदु की वृद्धि हुई है, परिणामस्वरूप करीब तीन अरब डॉलर (2016 के आंकड़ों के मुताबिक) की बचत हुई है। इस उपाय को राजनीतिक स्थिरता और हिंसा के अभाव के सूचकांक के रूप में जाना जाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है, वास्तविक रूप में, इसका मतलब है कि डब्ल्यूएफपी सालाना सीरिया में 30 करोड़ डॉलर, यमन में 20.5 करोड़ डॉलर और सोमालिया में 8.5 करोड़ डॉलर की बचत करेगा।

डब्ल्यूएफपी ने कहा कि अगर विश्व भर में न केवल संघर्ष बल्कि जलवायु परिवर्तन, भूख एवं कुपोषण, खाद्य प्रणालियों और दोषपूर्ण राजनीति, सामाजिक व आर्थिक संरचनाओं जैसे भुखमरी के सभी कारणों का सामना किया जाता है तो उसे हर साल पांच अरब डॉलर कम खर्च करना होगा।

डब्ल्यूएफपी दुनिया के 80 देशों में कार्य करता है और संघर्षो व आपदाओं में फंसे लोगों को खाद्य सामग्री मुहैया कराता है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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