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बिजनेस

खेत की मेड़ों पर उगाएं सब्जी, फूल, बढ़ेगी आमदनी : कृषि विशेषज्ञ

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रायपुर, 24 जनवरी (आईएएनएस)| खेतों की मेड़ों पर भी सब्जियां उगाकर किसान अब अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। दरअसल, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंबिकापुर स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे किसान खेतों की बेकार पड़ी मेड़ों पर भी सब्जियां व फूलों की मल्टीलेयर खेती कर सकते हैं। केन्द्र में पिछले खरीफ सीजन में सिर्फ 17 डेसिमल मेड़ों की जमीन पर सब्जियों और फूलों की मल्टीलेयर खेती से करीब 50 हजार रुपये की अतिरिक्त आमदनी हुई।

कृषि विज्ञान केन्द्र, अम्बिकापुर में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रविन्द्र तिग्गा एवं उनके सहयोगियों द्वारा जुलाई 2017 से प्रक्षेत्र की मेड़ों की बेकार पड़ी भूमि पर लौकी, भिंडी, सेम, मटरए, फूल गोभीए, पत्ता गोभी, स्ट्रॉबेरी जैसी फसलों की मल्टीलेयर खेती शुरू की गई है।

इस तकनीक में मेड़ों पर एक साथ दो फसलें उगाई गई। वैज्ञानिकों ने इसके लिए मेड़ पर पांच फीट ऊंचे बांस की मचान बनाकर उसपर लौकी की बेलों को चढ़ाया और नीचे मटर, फूल गोभी, पत्ता गोभी, फ्रेन्चबीन, स्ट्रॉबेरी आदि फसलों की बहुमंजिला खेती की गई। मेड़ों पर भिंडी, गवारफल्ली, गेंदा, रजनीगंधा भी लगाए गए और ड्रिप सिंचाई पद्धति से इन फसलों की सिंचाई की गई।

कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि 17 डिसमिल (एक एकड़ के छठवें भाग में) सब्जियों और फूलों से प्रति माह 9 से 10 हजार रुपये की अतिरिक्त आमदनी हुई। वैज्ञानिकों ने कहा छत्तीसगढ़ में खेतों की मेड़ों में लगभग 10 प्रतिशत भूमि बेकार पड़ी रह जाती है, जिसे किसान उपयोग करके अपनी अतिरिक्त आय का जरिया बना सकते हैं।

वैज्ञानिकों ने बताया कि मेड़ों पर बहुमंजिला तकनीक से खरीफ एवं रबी दोनों सीजन में लहसुन, प्याज, टमाटर, धनिया, मिर्च, पालक, मेथी, करेला, ककड़ी, खीरा, बरबट्टी की खेती की जा सकती है। खेती की यह तकनीक सीमांत किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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