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अन्तर्राष्ट्रीय

गर्भावस्था में मधुमेह पीड़ित महिलाओं को अधिक खतरा

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न्यूयॉर्क| गर्भावस्था के दौरान मधुमेह पीड़ित गर्भवती महिलाओं में निद्रा संबंधित विकार ‘ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया’ (ओएसए) होने की संभावना अधिक रहती है। नए शोध में यह जानकारी सामने आई है। थाईलैंड के बैंकॉक में महिडोल विश्वविद्यालय के चिकित्सा संकाय में सहायक प्रोफेसर और अध्ययन कर्ता सीरिमॉन रीट्राकुल के मुताबिक, “गर्भावस्था में मधुमेह पीड़ित महिलाओं में अस्वस्थता के लिए ओएसए एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है।”

हॉर्मोन संबधी स्वास्थ्य जानकारी के एक अग्रणी सूत्र, ‘हॉर्मोन हेल्थ नेटवर्क’ के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान शरीर में शर्करा (ग्लूकोज) की मात्रा कम होने से जच्चा-बच्चा दोनों के लिए समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिसमें शिशु का समय से पूर्व जन्म या गर्भ में ही भ्रूण की मौत होने की अधिक संभावना रहती है।

अध्ययनकर्ताओं ने पाया है कि आहार नियंत्रित गर्भकालिक मधुमेह वाली 25 महिलाओं में ओएसए के प्रसार की 56 प्रतिशत संभावना होती है।

गौरतलब है कि ओएसए एक निद्रा विकार है, जिसमें व्यक्ति नींद के दौरान थोड़े-थोड़े समय के लिए सांस लेना बंद कर देता है।

‘यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन’ के मुताबिक, 9.2 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान मधुमेह होने की संभावना रहती है। इस दौरान जोखिम का एक बड़ा कारक मोटापा होता है।

यह अध्ययन 24 से 35 सप्ताह की गर्भवती महिलाओं पर किया गया। इन सभी महिलाओं में आहार नियंत्रित गर्भकालिक मधुमेह था।

ओएसए का निदान रात के समय भागीदारों की कलाई पर घरेलू निगरानी उपकरण (घड़ी-पीएटी200, इतामर मेडिकल) के द्वारा किया गया।

जांचकर्ताओं के मुताबिक, अध्ययन में शामिल 14 महिलाओं में ओएसए की पुष्टि हुई। इनमें 12 महिलाओं में हल्के निद्रा विकार की समस्या थी, जबकि दो महिलाओं में गंभीर निद्रा विकार था।

यह शोध सैन डियाएगो में ‘एन्डॉक्रिन सोसाइटी’ की 97वीं सालाना बैठक में पेश किया गया।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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