लाइफ स्टाइल
गर्मियों के पसीने में भी यूं महकते रहिए
नई दिल्ली। गर्मियों में पसीने की बदबू एक आम समस्या है। ऐसे में ताजगी और महकते अहसास के लिए फूलों और सिट्रस फलों के महक वाले इत्र का इस्तेमाल आपके दिलोदिमाग को भी सुकून देगा।
‘परफ्यूमबूथ डॉट कॉम’ के संस्थापक रोहित कुमार अग्रवाल और ‘द बॉडी शॉप’ कंपनी की शिखा अग्रवाल (ट्रेनिंग हेड) ने गर्मियों में लगाएं जाने वाले इत्र के संबंध में ये जानकारियां दी हैं :
पुरुषों के लिए :
* नींबू, संतरा, नारंगी, चकोतरा, लेमन ग्रास और मिंट नोट्स आदि से तैयार इत्र आपको ताजगी का अहसास कराते हैं और गर्मियों के दिनों में इसकी महक के साथ आप बेहतर अनुभव कर सकते हैं।
* एक्वैटिक (जलीय) इत्र विभिन्न मिनरल्स से भरपूर जल के गुणों से समृद्ध होते हैं। इसमें स्वच्छ और ताजगी भरी महक का समावेश होता है। इसका वर्गीकरण आमतौर पर पारंपरिक रूप से ताजे या फूलों के मिश्रण से तैयार किए गए इत्र के तौर पर किया जाता है।
* स्पाइसी इत्र की खूशबू बहुत तेज होती है और अधिक गर्मी और उमस में इसे ज्यादा लगाना उचित नहीं होगा। इसकी खुशबू ज्यादा देर तक बरकरार रहती है और इसकी हल्की खुशबू ही पर्याप्त होती है, इसलिए इसे कम मात्रा में ही लगाएं।
महिलाओं के लिए :
* महिलाओं के लिए फूलों की खुशबू वाले या विभिन्न फलों से तैयार इत्र अच्छे होते हैं। फूलों की खूशबू वाले इत्र आपको खुशनुमा माहौल और ताजगी का अहसास कराते हैं।
* फलों से तैयार इत्र गर्मियों में लगाने के लिए सबसे उपयुक्त माने जाते हैं, फूलों वाले इत्र के मुकाबले इनकी खुशबू हल्की और भीनी होती है, जो उमस भरे मौसम में आपके लिए बेहतर है।
* रोजमैरी, लैवैंडर, क्यूमिन (जीरा), कपूर और अन्य वनस्पतियों से तैयार सुगंधित इत्र आपको अनोखी ताजगी और खूशबू के अहसास से सरोबार करते हैं। ये सिट्रस और स्पाइसी रूप में पैक किए जाते हैं। गर्मियों में एरोमैटिक (सुगंधित) इत्र आपके लिए बेहतर साबित होंगे।
* वुडी इत्र हल्की और भीनी खुशबू वाले होते हैं, सिट्रस फलों के सत्व से युक्त वुडी इत्र भी गर्मियों में आपके लिए उपयुक्त साबित हो सकते हैं।
लाइफ स्टाइल
दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज
नई दिल्ली। अनियमित लाइफ स्टाइल व तला भुना जंक फूड दिल से जुड़ी बीमारियों की मुख्य वजह बन गया है। स्टडीज़ के अनुसार, अगर आप अपने दिल की सेहत में सुधार करना चाहते हैं, तो इन 4 तरह के खाने से दूरी बना लें।
तला हुआ खाना
कई शोध से पता चला है कि सैचुरेटेड फैट्स शरीर में बैड कोलेस्ट्ऱॉल की मात्रा को बढ़ाने का काम करते हैं। रेड मीट, फ्रेंच फ्राइज़, सैंडविच, बर्गर आदि जैसे फूड्स LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाते हैं, जिससे स्ट्रोक और दिल के दौरे का ख़तरा बढ़ जाता है।
चीनी युक्त सोडा या फिर केक
चीनी को मीठा ज़हर ही कहा जाता है। केक, मफिन, कुकीज़ और मीठी ड्रिंक्स शरीर में सूजन का कारण बनते हैं। चीनी का ज़्यादा सेवन शरीर में फैट्स बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज़, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
लाल मांस
रेड मीट सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर होता है, जिसकी वजह से धमनियों में प्लाक जम सकता है। जिनको मटन खाने का शौक है, उन्हें वह हिस्सा खाना चाहिए जिसमें ज़्यादा प्रोटीन और कम फैट हो। अगर आप चिकन खा रहे हैं तो ब्रेस्ट, विंग्ज़ वाला हिस्सा में ज़्यादा प्रोटीन होता है और कम फैट। वहीं, मछली सबसे हेल्दी और अच्छा ऑप्शन है।
सफेद चावल, ब्रेड या फिर पास्ता
सफेद ब्रेड, मैदे, चीनी और प्रोसेस्ड तेल को मिलाकर तैयार किए जाने वाले फूड्स में किसी भी तरह का फायदा नहीं होता। ऐसा ही सफेद पास्ता के साथ भी है। सफेद चावल में फाइबर की मात्रा कम होती है, इसलिए दिल की सेहत के लिए इसका ज़्यादा सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
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