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गलतियों को सही समय पर सुधारना जरूरी : रुपिंदर (साक्षात्कार)
नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)| एशियाई खेलों में अपने स्वर्ण पदक की रक्षा के लिए तैयार भारतीय पुरुष हॉकी टीम के अनुभवी डिफेंडर और ड्रैग फ्लिकर रुपिंदर पाल सिंह का कहना है कि खेल में गलतियों को सही समय पर सुधार लेना जरूरी है।
रुपिंदर ने राजधानी दिल्ली में आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में यह बात कही। उन्होंने कई भारतीय टीम के प्रदर्शन के कई पहलुओं पर अपने विचार भी साझा किए। रुपिंदर ने यह भी कहा कि बड़े आयोजनों में टीम को बिना किसी दबाव के खेलना चाहिए।
साल 2010 में सुल्तान अजलान शाह कप टूर्नामेंट से भारतीय टीम में पदार्पण करने वाले रुपिंदर ने कहा, मैदान पर खिलाड़ियों को बिना किसी दबाव के उतरना चाहिए। जैसे सभी को कहा जाता है कि गलतियां, तो खेल का हिस्सा होती हैं लेकिन इन गलतियों का सही समय पर पता लगाकर उन्हें सुधार लेना बेहद जरूरी है। यहीं सबसे अच्छी चीज होती है।
भारतीय टीम के लिए बड़े टूर्नामेंटों में सबसे बड़ी समस्या पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करने की नाकामी है। ऐसे में एशियाई खेलों में क्या यह समस्या फिर टीम के प्रदर्शन पर प्रभाव डाल सकती है?
रुपिंदर ने कहा, लोग पेनाल्टी कॉर्नर पर 100 फीसदी परिणाम की उम्मीद करते हैं। वह माहौल पहले था, जब आप पेनाल्टी कॉर्नर हासिल कर गोल कर देते थे। अब इस पर समय बदल गया है, क्योंकि प्रतिद्वंद्वी टीमें अच्छा डिफेंड कर रही हैं। ऐसे में पेनाल्टी कॉर्नर पर 33 प्रतिशत सफलता हासिल कर रहे हैं, तो ठीक है और उससे बेहतर कर पा रहे हैं, तो यह बेहतरीन है। ऐसे में देखा जाए, तो इन एशियाई खेलों में हम पेनाल्टी कॉर्नर को बदलने का रेट बढ़ाएं।
पिछले एक साल में चोटिल होने के कारण रुपिंदर का प्रदर्शन उतार-चढ़ाव से भरा रहा। इस कारण वह इस साल चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए टीम का हिस्सा नहीं बन पाए। ऐसे में निरंतरता न रहने के कारण इंडोनेशिया में होने वाले एशियाई खेलों में प्रदर्शन पर उन्होंने कहा, मैं आश्वस्त हूं। चोट से वापसी के बाद जो मैंने अच्छा प्रशिक्षण लिया है। इसमें डिफेंस और पेनाल्टी कॉर्नर पर सबसे अधिक मेहनत की है और आशा है कि एशियाई खेल मेरे लिए अच्छे होंगे।
वी.आर रघुनाथ के साथ डिफेंस में रुपिंदर की साझेदारी अच्छी थी, लेकिन अब वह टीम में शामिल नहीं हैं। ऐसे में टीम के अन्य डिफेंडर के साथ साझेदारी पर पंजाब के निवासी रुपिंदर ने कहा, हमारा तालमेल काफी अच्छा था, लेकिन अभी हरमनप्रीत और अमित (रोहिदास) अच्छा खेल रहे हैं, तो सब सही चल रहा है। किसी भी खिलाड़ी के साथ साझेदारी की तुलना करना सही नहीं। जो बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं वे टीम में हैं।
एशियाई खेलों में सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी टीम के बारे में रुपिंदर ने कहा, हम ही अपने लिए सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी हैं। अगर हम अपना 100 प्रतिशत नहीं देंगे तो हम हार के जिम्मेदार खुद ही होंगे। अगर आप अच्छा नहीं खेलते हैं, तो कोई भी टीम आपको हरा सकती है।
एक ड्रैग फ्लिकर के रूप में हरमनप्रीत के प्रदर्शन के बारे में रुपिंदर ने कहा, वह काफी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। जूनियर विश्व कप में टीम के लिए उन्होंने अपनी क्षमता दर्शाई थी और अब राष्ट्रीय टीम के लिए भी गोल कर रहे हैं। उनमें विश्व के बेहतरीन ड्रैग फिल्कर बनने की प्रतिभा है।
इंडोनेशिया के जकार्ता और पालेमबाग में 18वें एशियाई खेलों का आयोजन होगा, जो 18 अगस्त से शुरू होकर दो सितम्बर को समाप्त होंगे। पूल-ए में शामिल भारतीय टीम का पहला मुकाबला 20 अगस्त को मेजबान इंडोनेशिया से होगा।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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