बिजनेस
‘गूगल को कई छोटी कंपनियों में तोड़ने का विकल्प खुला’
लंदन, 26 मार्च (आईएएनएस)| यूरोपीय संघ को यूरोप में इंटरनेट सर्च में गूगल के एकाधिकार के दुरुपयोग के बारे में गंभीर संदेह है और वह तकनीकी दिग्गज को छोटी कंपनियों में तोड़ने पर भी विचार कर रहा है। संघ के प्रतिस्पर्धा आयुक्त ने यह चेतावनी दी है।
‘द डेली टेलीग्राफ’ के मुताबिक, माग्रेथे वेस्टेगर ने कहा कि इंटरनेट दिग्गज को छोटी कंपनियों में तोड़ने का विकल्प खुला रखा जाना चाहिए।
पिछले साल जून में, डेनमार्क के आयुक्त ने गूगल पर अपने इंटरनेट सर्च के एकाधिकार का दुरुपयोग करते हुए यूरोपीय संघ के विश्वासघात नियमों की अवहेलना के मामले में रिकार्ड 2.42 अरब यूरो या 2.7 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया था।
वेस्टेगर के हवाले से बताया गया कि जब उनसे पूछा गया कि गूगल के प्रभुत्व का एकमात्र समाधान उसे छोटी कंपनियों में तोड़ना है, तो उन्होंने कहा, मैं समझता हूं कि इस सवाल को जारी रखना तथा इस एजेंडे पर विचार करना महत्वपूर्ण है। हमने अभी यह फैसला नहीं लिया है, लेकिन इस पर जागृत नजर रखना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने चेताया कि सर्च इंजन इतने बड़े हो सकते हैं कि वह व्यवसाय और अर्थव्यवस्था के लिए अपरिहार्य हो।
उनके हवाले से बताया गया, यूरोप में सफलता पर कोई प्रतिबंध नहीं है। जब आप प्रभावशाली होते हैं तो आपकी विशेष जिम्मेदारी बनती है कि आप पहले से ही कमजोर प्रतिस्पर्धा को नष्ट नहीं करें।
उन्होंने आगे कहा, हमने सर्च में उनके प्रभुत्व को देखा है और हमने पाया है कि उन्होंने खुद को बढ़ावा देने तथा प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ने के लिए इस प्रभुत्व का दुरुप्रयोग किया है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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