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साइंस

गूगल, ट्विटर ने विज्ञापनदाताओं को नस्लभेदियों तक पहुंचाया : रिपोर्ट

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सैन फ्रांसिसको, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| फेसबुक द्वारा विज्ञापनदाताओं को अपने प्लेटफार्म पर ‘यहूदियों के शत्रुओं’ तक पहुंच मुहैया कराने एक मामले के खुलासे ने इसके बड़ी संख्या में उपयोगकर्ताओं की अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया है।

लेकिन अब गूगल और ट्विटर द्वारा विज्ञापनदाताओं की अपने प्लेटफार्म पर मौजूद नस्लभेदियों तक पहुंच मुहैया कराने की जानकारी सामने आई है।

बजफीड न्यूज की रिपोर्ट में शुक्रवार को बताया गया कि दुनिया की सबसे बड़ी विज्ञापन प्लेटफार्म गूगल अपने विज्ञापनदाताओं को उन लोगों तक लक्षित विज्ञापन पहुंचाने में मदद करती है, जो गूगल के सर्च बार में नस्लवादी या धर्माध बातें सर्च करते रहते हैं।

यही नहीं, इसके अलावा गूगल पर अगर आप कोई नस्लवादी या धर्माध बात सर्च करते हैं तो वो आपको और भी ज्यादा नस्लवादी और धर्माध बातें सर्च करने का सुझाव भी देता है।

रिपोर्ट में कहा गया, अगर आप यह टाइप करें कि ‘क्यों यहूदी सबकुछ नष्ट कर के रख देते हैं’, तो गूगल आपको सर्च के नीचे ऐसे विज्ञापन दिखाएगा जिसमें ‘बुरे यहूदी’ और ‘बैंकों पर यहूदियों का नियंत्रण’ जैसे खोज करने की बात कही गई होती है।

इसके तुरंत बाद दे डेली बीस्ट की रिपोर्ट में कहा गया कि ट्विटर भी विज्ञापनदाताओं को घृषित शब्दों और वाक्यांशों में दिलचस्पी रखने वाले यूजर्स तक लक्षित विज्ञापन पहुंचाने में मदद करती है।

इन रिपोर्टों के बाद प्रोपब्लिका की जांच से इस हफ्ते यह खुलासा हुआ है कि फेसबुक अपने विज्ञापनदाताओं को उन लोगों के न्यूज फीड तक विज्ञापन पहुंचाने में सक्षम बनाती है, जिन्होंने ‘यहूदी शत्रु’, ‘यहूदियों को कैसे जलाएं’ या यहूदियों ने ‘दुनिया को क्यों बरबाद किया’ का इतिहास जैसे विषय सर्च किए थे।

द डेली बीस्ट की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीटर ने कहा कि वह सक्रिय रूप से अपने प्लेटफार्म पर किसी आपत्तिजनक विज्ञापन को प्रदर्शित होने से रोकता है।

द वर्ज को दिए एक बयान में ट्विटर ने कहा, हम यह समझने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि ऐसा क्यों हुआ और इसे फिर से होने से कैसे रोकें।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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