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बिजनेस

गूगल पिक्सल2 एप्पल व सैमसंग को दे सकता है टक्कर

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नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत में जन्मे गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को बेहद पसंद करते हैं। भले ही फिलहाल एआई अपने शुरुआती दौर में है, लेकिन उनके मुताबिक यह इस युग की सबसे प्रगतिशील तकनीक है, जो संभावित रूप से उद्यमों के काम को बदल सकता है और बढ़ा सकता है।

अब स्मार्टफोन में एआई कोई नया फीचर नहीं है। एप्पल की सिरी, सैमसंग की बिक्सबी और गूगल का अपना गूगल असिस्टेंट विकसित किया जा चुका है, जिसे लोग अपने उपकरणों के साथ संवाद करते हैं।

इस बार पिचई ने एआई का मिश्रण कर एक बड़ा दांव खेला है। यह मिश्रण सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का समावेश है, जो प्रीमियम श्रेणी में सैमसंग और एप्पल को टक्कर दे सकता है।

उद्योग विश्लेषकों का मानना है कि बुधवार को लांच हुए गूगल पिक्सल 2 और 2 एक्सेएल एप्पल और सैमसंग के लिए चुनौती साबित हो सकते हैं। इसमें तकनीक के साथ, विपणन और बिक्री के स्तर पर भी काफी काम किया गया है। लिहाजा, यह सैमसंग और एप्पल दोनों के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है।

वर्तमान में, पिछले साल लॉन्च हुए पिक्सल की विश्व स्तर पर दो फीसदी से कम की बाजार हिस्सेदारी है।

फॉरेस्टर के प्रमुख विश्लेषक थॉमस ह्यूसन ने आईएएनएस को बताया, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता कि गूगल ब्रांड का स्मार्टफोन कितना आकर्षक लगता है। कंपनी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि आखिर हार्डवेयर कंपनी के तौर पर वह खुद को कैसे स्थापित करे। साथ ही उपभोक्ताओं तक कैसे अपनी पहुंच बनाए।

हसन ने कहा, इसके लिए आपूर्ति श्रृंखला और अन्य वितरण चैनलों के साथ साझेदारी, प्रशिक्षण विक्रेताओं और मार्केटिंग में भारी-भरकम निवेश करना होगा। यह कोई छोटा काम नहीं है और कंपनी के डीएनए से काफी दूर है।

फिर भी गूगल प्रभाव बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा है। पिछले महीने, उसने ताइवान स्थित एचटीसी कॉरपोरेशन की मोबाइल डिविजन टीम का हिस्सा 1.1 अरब डॉलर में हासिल कर लिया था। यह टीम गूगल के पिक्सेल स्मार्टफोन को विकसित करने के लिए उसके साथ काम कर रही थी।

आईडीसी इंडिया के सीनियर रिसर्च मैनेजर नवकेंद्र सिंह के मुताबिक, यह गूगल की महत्वाकांक्षाओं को गंभीर स्मार्टफोन निर्माता के रूप में रेखांकित करता है।

सिंह ने आईएएनएस को बताया, हालांकि, डिजाइन भाषा पर विचार करते हुए, ऐसा लगता है कि गूगल हार्डवेयर के मुकाबले किसी सॉफ्टवेयर एंगल से प्रीमियम स्मार्टफोन को और बेहतर बनान चाहता है।

नई पिक्सेल परिवार का शुभारंभ करते हुए एक खचाखच भरे सैन फ्रांसिस्को में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पिचाई ने कहा, कम्प्यूटिंग अब संवादात्मक, परिवेश और प्रासंगिक होगा। यह एक अनूठा क्षण है, जब गूगल एआई, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को एक साथ लाने जा रहा है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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