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गेहूं की 9.61 करोड़ टन होगी पैदावार : एनसीएमएल पूर्वानुमान

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नई दिल्ली, 24 जनवरी (आईएएनएस)| कृषि-कमोडिटी प्रबंधन और सेवाएं देने वाली देश की अग्रणी कंपनी कोलेटरल सर्विस मैनेजमेंट कंपनी (एनसीएमएल) ने वित्तवर्ष 2017-18 के लिए प्रमुख कृषि-कमोडिटी सहित रबी-कमोडिटी के परिश्य और कीमतों को लेकर पूवार्नुमान जारी किए हैं। इस रिपोर्ट में गेहूं की उपज 9.61 करोड़ टन और चावल की पैदावार 1.45 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया गया है। गेहूं की उपज 1000 लाख टन पार कर जाने के सरकारी पूवार्नुमान के विपरीत एनसीएमएल ने अनुमान लगाया है कि वित्तवर्ष 2017-18 में गेहूं की फसल 9.61 करोड़ टन होगी, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 2 फीसदी कम है। इसकी वजह यह है कि गेहूं की बुआई का रकबा लगभग 4 फीसदी कम रहेगा क्योंकि किसान गेहूं की बजाय दूसरी फसल की खेती की तरफ मुड़ रहे हैं, जिसमें चना प्रमुख है।

सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि रबी फसलों के अंतर्गत चावल की पैदावार पिछले साल के 1.37 करोड़ टन से बढ़ कर 1.45 करोड़ टन तक पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि, पिछले साल की तुलना में इस साल खरीफ उत्पादन का अनुमान तीस लाख टन कम लगाया गया है। ऐसे में 2017-18 में कुल चावल उत्पादन 10.75 करोड़ टन रहेगा, जबकि पिछले साल यह 11.01 करोड़ टन था।

इस साल किसानों में चना ज्यादा पसंद किया जा रहा है, क्योंकि पिछले साल की तुलना में इसके रकबे में 7.5-8 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2017-18 में चना उत्पादन का अनुमान पिछले साल के 93.3 लाख टन की तुलना में 97.1 लाख टन लगाया गया है। मुख्य रूप से चने के उच्च उत्पादन से रबी में दलहन फसलों का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ा अधिक होने की उम्मीद है। हालांकि खरीफ फसल में दालों के उत्पादन में पिछले साल 9.8 फीसदी की उच्च गिरावट दर्ज की गई थी।

सोयाबीन की तरह, आरएम बीज के उपयोग भी गिरावट आने की संभावना है, क्योंकि पिछले साल मिली कम कीमतों के चलते किसानों का आरएम बीज से मोहभंग हो चुका है। यही कारण है कि इसका उत्पादन अनुमान 4.2 फीसदी से कम लगाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अच्छी वर्षा और रबी फसल की उच्च बुआई से उम्मीद है कि खरीफ मक्का उत्पादन में आई गिरावट की भरपाई कर ली जाएगी। मक्का का कुल उत्पादन 2.62 करोड़ टन आंका गया है, पिछले साल भी इतना ही उत्पादन हुआ था। वहीं, रबी उत्पादन 76 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि इससे पिछले वर्ष इसका 70.2 लाख टन उत्पादन हुआ था। उच्च खरीफ फसलों के उच्च उत्पादन के साथ, रबी में भी ज्वार के उत्पादन में मामूली वृद्धि होने की उम्मीद है और रबी का उत्पादन पिछले साल के 27.2 लाख टन के मुकाबले इस साल 28 लाख टन रहने का अनुमान है।

रिपोर्ट में कहा गया कि हाल के कपास के फसल पर गुलाबी कीट (पिंक बोल्वर्स) के हमलों से इसके उत्पादन अनुमान में गिरावट आई है और वित्तवर्ष 2017-18 के लिए 365 लाख गांठों का अनुमान है जो कि पिछले साल के 330.92 लाख गांठों के उत्पादन से बहुत अधिक है। वहीं, गन्ना उत्पादन में इस साल 10 फीसदी से अधिक की वृद्धि के कारण इस साल चीनी के बंपर उत्पादन की उम्मीद है। इस साल चीनी का उत्पादन 2.55 करोड़ टन से 2.58 करोड़ टन के बीच रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 2.03 करोड़ टन रहा था।

अधिकांश वस्तुओं के उच्च भंडारण अनुपात के कारण अगले साल प्रमुख कृषि उत्पादों की कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी की संभावना नहीं है। प्रमुख कृषि-कमोडिटी की कीमतों के सपाट रहने की अपेक्षा है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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