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गोरक्षकों के हमलों को सांप्रदायिक रंग न दे विपक्ष : नकवी

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नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कांग्रेस से कहा कि गोरक्षकों द्वारा किए गए अपराधों को सांप्रदायिक रंग न दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इन अपराधों में कोई पार्टी या सरकार नहीं, बल्कि लोग शामिल हैं। उन्होंने इस तरह के अपराधों को अंजाम देने वालों को अलग-थलग करने व उनपर काबू पाने के लिए एकजुट होकर मुकाबला करने का आह्वान किया।

केंद्रीय संसदीय राज्य मंत्री नकवी ने राज्यसभा में कहा, यह पूर्णत: अपराध की घटनाएं हैं और किसी को इन्हें सांप्रदायिक रंग नहीं देना चाहिए। अगर आप इस तरह की संगीन घटनाओं को सांप्रदायिक रंग देते हैं, तो यह केवल उन अपराधियों के उद्देश्यों की पूर्ति होगी, जो चाहते हैं कि इन अपराधों को धर्म से जोड़कर देखा जाए।

नकवी की यह टिप्पणी विपक्षी नेता गुलाम नबी आजाद के उस आरोप के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि बीते तीन वर्षो में सांप्रदायिक लिंचिंग (भीड़ द्वारा हत्या) की घटनाओं की संख्या में इजाफा हुआ है।

मंत्री ने कहा कि विपक्ष इन मुद्दों को एक साजिश के हिस्से के तहत उठा रहा है, क्योंकि मोदी सरकार में भ्रष्टाचार का कोई मामला उनके हाथ नहीं लग सका है।

उन्होंने कहा, इसलिए सरकार को बदनाम करने के लिए वे इस मुद्दे का इस्तेमाल कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आजाद ने दावा किया है कि इस तरह की घटनाओं के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है, जो गलत है, क्योंकि राजस्थान, हरियाणा, झारखंड तथा महाराष्ट्र में ऐसे मामलों को फौरन दर्ज किया गया और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया।

मंत्री ने कहा, यहां तक कि सर्वदलीय बैठक के दौरान, जिसमें आजाद जी भी मौजूद थे, प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व अराजकता फैलाने के लिए गोरक्षा को एक औजार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।

मोदी ने स्पष्ट किया था कि इन घटनाओं का देश की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उन्होंने राज्य सरकारों से इन अराजक व असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा था।

उन्होंने इशारा किया कि इस तरह की घटनाएं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकारों के दौरान भी होती थीं।

मंत्री ने कहा, हमें इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों को अलग-थलग करने के लिए साथ आना चाहिए न कि उन्हें सांप्रदायिक रंग देना चाहिए।

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नेशनल

महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, क्या फडणवीस के सिर सजेगा ताज ?

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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा है। इस दौरान डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी मौजूद थे। विधानसभा का कार्यकाल आज यानी 26 नवंबर तक ही है। नए मुख्यमंत्री की शपथ की तारीख तय नहीं है। तब तक शिंदे कार्यवाहक सीएम रहेंगे।

इस बीच महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन की रूपरेखा लेकर चर्चा तेज हो गई है। खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर सकते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले ‘महायुति’ गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 235 सीट हासिल की हैं। जिसमें बाजेपी अकेली 135 सीटों पर कब्जा कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

बीजेपी की महाराष्ट्र में ये अब तक की सबसे बड़ी जीत है। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीट पर जीत हासिल की और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 41 सीट पर जीत दर्ज की है। मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहे है।

 

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