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गौतम नौलखा को दिल्ली से बाहर न ले जाएं : उच्च न्यायालय

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नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र पुलिस को निर्देश दिया कि नक्सलियों से सहानुभूति रखने वाले गौतम नौलखा को बुधवार तक दिल्ली से बाहर न ले जाए और अगले आदेश तक उन्हें घर में नजरबंद रखें। नौलखा को दिल्ली पुलिस और महाराष्ट्र पुलिस की एक संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया और साकेत अदालत परिसर में एक दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया। अदालत ने उन्हें शहर से बाहर ले जाने और पुणे की एक अदालत में पेश करने की अनुमति दे दी थी।

नौलखा के वकील ने हालांकि अपराह्न् में दिल्ली उच्च न्यायालय में उनके ठिकाने के बारे में जानने के लिए एक याचिका दाखिल की। पीठ ने मामले को शाम की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दी और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा।

पुलिस ने अदालत से कहा कि उसे एक दंडाधिकारी की अदालत से आरोपी को शहर से बाहर ले जाने की अनुमति मिल चुकी है।

न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर की एकल पीठ ने हालांकि पुलिस को निर्देश दिया कि नौलखा को दिल्ली से बाहर न ले जाया जाए और अगले आदेश तक उन्हें उनके घर में नजरबंद रखा जाए। पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई बुधवार को तय कर दी।

पांच महीनों में दूसरी बार पुणे पुलिस ने देशभर में नक्सलियों के हमदर्दो के यहां मंगलवार को छापा मारा और कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।

ये छापे महाराष्ट्र, गोवा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, दिल्ली और हरियाणा में मारे गए। इन कार्यकर्ताओं के तमाम समर्थकों ने विभिन्न स्थानों पर पुलिस छापे के दौरान विरोध प्रदर्शन किया।

इन छापों को 17 अप्रैल को की गई इसी तरह की कार्रवाई का हिस्सा बताया जा रहा है। उस समय पुणे पुलिस ने आधा दर्जन से अधिक दलित कार्यकर्ताओं और उन लोगों के यहां छापा मारा था, जो कबीर कला मंच में शामिल थे, जिसने 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में एलगार सम्मेलन आयोजित किया था।

सम्मेलन के अगले दिन एक जनवरी को कोरेगांव-भीमा में जातीय दंगा भड़क उठा था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। उसके बाद बी.आर. आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाले भारिपा बहुजन महासंघ ने महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिन कार्यकर्ताओं के यहां छापे मारे गए, उनमें वरवर राव और क्रांति (तेलंगाना), वरनोन गोंसाल्वेस और अरुण परेरा (मुंबई), सुधा भारद्वाज और स्टेन स्वामी (छत्तीसगढ़), गौतम नौलखा (दिल्ली) और आनंद तेलतुबडे (गोवा) शामिल हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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