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गौरी लंकेश की हत्या को लेकर आक्रोशित पत्रकारों ने छेड़ी मुहिम

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चेन्नई। कर्नाटक के बेंगलुरू में एक दिन पहले हुई वरिष्ठ कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की जघन्य हत्या के खिलाफ बुधवार को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों ने लामबंद होकर प्रदर्शन किया। गौरी मशहूर कन्नड़ अखबार ‘गौरी लंकेश पत्रिके’ की संपादक थीं।

बड़ी संख्या में पहुंचे पत्रकारों ने नारे लगाते हुए उनके हत्यारों को पकडऩे की मांग की। हत्या के बारे में उन्होंने कहा, “यह अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटना है।”

गौरी अपने स्वतंत्र विचारों के लिए जानी जाती थीं। उनके पिता भी एक कन्नड़ लेखक थे और अपने पिता की तरह उन्हें भी पत्रकारिता की अपनी बेबाक स्वतंत्र शैली के कारण विरोध और आलोचना का सामना करना पड़ा। उनके परिवार में उनकी माता, बहन कविता और भाई इंद्रजीत हैं जोकि उनका साप्ताहिक अखबार संभालते हैं।

मद्रास यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के महासचिव आर. मोहन ने बयान में कहा कि वह इस हत्या की कड़ी निंदा करते हैं और हत्यारों को गिरफ्तार कर उन्हें दंडित करने की मांग करते हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को पहले से रोका जा सके।

महाराष्ट्र मीडिया ने भी जताया विरोध
मुंबई में भी महाराष्ट्र की मीडिया ने गौरी लंकेश की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए कर्नाटक सरकार से मामले की सीबीआई जांच की मांग की। मुंबई प्रेस क्लब (एमपीसी), मुंबई मराठी पत्रकार संघ (एमएमपीएस), मंत्रालय अनी विद्यामंडल वार्ताहार संघ (एमवीवीएस), टीवी पत्रकार एसोसिएशन (टीवीजेए) एवं अन्य संस्थाओं ने अलग-अलग बयानों में मंगलवार शाम को पत्रकार गौरी की उनके घर पर अज्ञात हमलावरों द्वारा की गई हत्या के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया।

एमपीसी ने कर्नाटक सरकार से 55 वर्षीय लंकेश की हत्या के मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। एमपीसी ने राज्य सरकार से यह भी मांग की कि उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अपराधियों को अधिकतम सजा दी जाए, चाहे वे किसी के मातहत हों या मास्टरमाइंड।

एमपीसी ने कहा, “देश की शक्तियां, देश के चौथे स्तंभ के साथ ऐसा बर्ताव करती हैं और अगर सरकार इसके खिलाफ कुछ नहीं करती, तो यकीनन यह भारतीय लोकतंत्र का बुरा समय है।” एमवीवीएस ने कहा, “यह सिर्फ एक पत्रकार की हत्या नहीं है, यह विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की हत्या है। विचारपरक मुद्दों पर वैचारिक रूप से लड़ाई होनी चाहिए और सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए।”

सभी मीडिया संगठन, वाम दलों एवं नागरिक समाज समूहों ने बांद्रा, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, नवी मुंबई, ठाणे, कल्याण, वसई, पलघर, पुणे और राज्य के अन्य हिस्सों में विरोध करने की योजना बनाई है। एमपीसी ने अपने आजाद मैदान स्थित मुख्यालय में कैंडल मार्च का आयोजन किया जिसमें फोटोग्राफर्स एसोसिएशन, नेटवर्क ऑफ मीडिया इन मीडिया एवं अन्य संगठनों ने भाग लिया।

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राहुल गांधी रायबरेली पहुंचे, पीपलेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन कर लिया हनुमान जी का आशीर्वाद

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लखनऊ। कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक दिवसीय रायबरेली के दौरे पर हैं। राहुल गांधी ने रायबरेली लखनऊ बॉर्डर स्थित पीपलेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन कर हनुमान जी का आशीर्वाद लिया। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इसके बाद डिग्री कॉलेज चौराहा शहीद चौक पर पहुंचे। यहां माल्यार्पण कर डिग्री कॉलेज चौराहे का लोकार्पण किया।

लखनऊ एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्होंने सड़क मार्ग से रायबरेली तक का रास्ता तय किया। इस बीच वह चुरुवा हनुमान मंदिर में पूजा करने के लिए भी रुके। रायबरेली पहुंचने के बाद राहुल गांधी दिशा की बैठक में शामिल हुए। लोकसभा चुनाव के बाद राहुल का अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में तीसरा और यूपी का 5वां दौरा है।

कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि राहुल गांधी के दौरे से उत्तर प्रदेश कांग्रेस में नई ऊर्जा आएगी। चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ेगा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लखनऊ पहुंच गए हैं। वह एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से रायबरेली के लिए रवाना हो गए हैं।

इसके पहले राहुल गांधी को रिसीव करने आए कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी एक जागरूक और जिम्मेदार नेता हैं। वह रायबरेली संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों की स्थिति जानने के लिए दिशा की बैठक में हिस्सा लेंगे। बैठक के बाद 2:30 बजे राहुल गांधी फुरसतगंज एयर पोर्ट के लिए रवाना होंगे।

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