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बिजनेस

घाना-भारत व्यापार 1.7 अरब डॉलर के पार

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अक्रा, 26 जनवरी (आईएएनएस)| घाना के साथ भारत का व्यापार लगातार बढ़ रहा है और यह वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही के दौरान 1.7 अरब तक पहुंच गया।

साल 2011 से ही घाना के साथ व्यापार में बढ़ोतरी हो रही है और उस साल यह एक अरब डॉलर रहा था। भारतीय उच्चायुक्त बीरेंद्र सिंह यादव ने यहां यह जानकारी दी।

भारत के 69वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर शनिवार को मीडिया को संबोधित करते हुए यादव ने कहा, हम घाना के साथ व्यापार को इतना अधिक महत्व देते हैं, यही कारण है कि द्विपक्षीय व्यापार अब भागीदारी बन चुकी है, जो लगातार बढ़ रही है और मजबूत हो रही है।

यादव ने कहा कि घाना इन्वेस्टमेंट प्रमोशन सेंटर (जीआईपीसी) की नवीनतम रपट के मुताबिक, भारत में 13 परियोजनाओं के साथ चीन और ब्रिटेन के बाद तीसरे नंबर पर रखा गया है।

चीन ने पिछले साल 25 परियोजनाओं को पूरा किया तथा ब्रिटेन की 19 परियोजनाएं थी।

हालांकि एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के संदर्भ में, भारत का 41.17 करोड़ डॉलर के निवेश के साथ पहला स्थान है, जबकि नीदरलैंड ने घाना में कुल 2.44 अरब डॉलर का निवेश किया।

यादव ने कहा कि भारत हमेशा अन्य देशों के साथ अपने संबंधों में बराबरी का व्यवहार करता है। उन्होंने कहा, हम राजनीतिक प्रभाव में विश्वास नहीं करते हैं।

एक समय में, घाना में टेलीवीजन चैनलों पर भारतीय टीवी सीरीयल का प्रसारण काफी बढ़ गया था, जिसके खिलाफ यहां नाराजगी भी थी, खासतौर से ‘कुमकुम भाग्य’ यहां एक लोकप्रिय धारावाहिक था।

यादव ने इस बात से असहमति जताई कि भारतीय टीवी शो का यहां प्रसारण करा कर ‘भारत सांस्कृतिक रूप से घाना को प्रभावित करना चाहता है।’

यादव ने कहा, यह सोचना आधारहीन है कि भारत ऐसी कोई चीज करेगा। हम शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में और खुले समाज में विश्वास करते हैं।

घाना नेशनल कमीशन ऑन आर्ट्स एंड कल्चर के निदेशक सोक्रेट्स साफो ने आईएएनएस को बताया, यह सच नहीं है। क्योंकि हमारी एक खुली नीति है कि देश में अन्य संस्कृतिक समूहों को आने देने की अनुमति देने की हमारी एक खुली नीति है। हम भी दूसरे देशों में जाकर अपनी संस्कृति का प्रदर्शन करते हैं। इसलिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान को लेकर कोई डर या संदेह नहीं होना चाहिए।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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