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चिदंबरम, सिब्बल ने कश्मीर को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा

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नई दिल्ली, 7 जनवरी (आईएएनएस)| कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को मोदी सरकार की कश्मीर नीति को लेकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार का ‘कठोर, सैन्यवादी’ दृष्टिकोण राज्य से आतंकवाद को खत्म करने में विफल रहा है।

पूर्व गृहमंत्री ने ट्वीट किया, यह दावा किया गया था कि कठोर, मजबूत सैन्यवादी दृष्टिकोण आतंकवाद व घुसपैठ को खत्म कर देगा। क्या ऐसा हो पाया?

चिदंबरम ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में मारे गए नागरिकों व आतंकवादियोंकी संख्या 2014 से 2017 तक करीब दोगुनी हो गई। यह क्रमश: 28 से 57 व 110 से 218 हो गई है।

इस अवधि में मारे गए सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़कर 47 से 83 हो गई है।

चिदंबरम ने कहा, यदि आप उनमें से है जो यह मानते हैं कि सरकार के कठोर व सैन्यवादी दृष्टिकोण को एक अवसर दिया जाना चाहिए..तो आपको अपना विचार बदल लेना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने कहा कि बुद्धिमत्ता जम्मू एवं कश्मीर मुद्दे के राजनीतिक समाधान के लिए सक्रियता से काम करने में है, जहां 1989 से सक्रिय हुए अलगाववादी अभियान में हजारों लोगों की जान जा चुकी है।

उन्होंने कहा, अटल बिहारी वाजपेयी व मनमोहन सिंह दोनों को कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए कठिन प्रयासों के लिए याद किया जाएगा।

वहीं, एक अन्य कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणियां महज बयानबाजी हैं।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, हर रोज जवान व पुलिस कर्मी शहीद हो रहे है। क्या सरकार इसका जवाब देगी? लोगों की जान जाने का सिलसिला कब बंद होगा।

दोनों नेताओं का बयान जम्मू एवं कश्मीर के सोपोर में आतंकवादियों द्वारा किए विस्फोट में चार पुलिसकर्मियों के मारे जाने के एक दिन बाद आया है।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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