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छग : एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म होने से 5 साल की मासूम की मौत

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बीजापुर, 27 अगस्त (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में स्वास्थ्य विभाग की फिर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। एंबुलेंस में लगे लाइफ सपोर्ट सिस्टम का ऑक्सीजन खत्म हो जाने से नेशनल हाईवे पर 5 साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई। इससे पहले, एंबुलेंस मुहैया न कराए जाने पर एक वृद्ध महिला के शव को नेशनल हाईवे से खटिये में ढोकर ले जाए जाने का मामला सामने आया था।

माटवाड़ा आश्रम में पढ़ रही पहली कक्षा की छात्रा बुलबुल कुड़ियम कुछ दिनों से निमोनिया से पीड़ित थी। उसका इलाज बीजापुर जिला अस्पताल में चल रहा था। हालत ज्यादा बिगड़ने पर सोमवार को अपराह्न् 3 बजे एंबुलेंस में ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम के साथ बुलबुल को जगदलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन जगदलपुर पहुंचने से पहले ही नेशनल हाईवे क्रमांक 63 में तोकापाल के पास सिलेंडर में ऑक्सीजन खत्म हो जाने से बुलबुल की मौत हो गई। परिजनों ने बुलबुल की मौत के लिए स्वस्थ्य विभाग को जिम्मेदार ठहराया है।

बुलबुल के पिता चमरू कुड़ियम ने बताया, माटवाड़ा बालिका आश्रम में बीमार बुलबुल को पिता अपने साथ तोयनार ले आए और यहीं इलाज कराते रहे। तबीयत ज्यादा खराब होता देख मोटरसाइकिल की मदद से उसे बीजापुर जिला अस्पताल लाया गया, जहां इलाज शुरू किया गया, लेकिन बीमार बुलबुल की हालत सुधरने की बजाय ज्यादा खराब होने लगी थी। रविवार 3 बजे गंभीर हालत में बुलबुल को एंबुलेंस से ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम में महज एक वाहन चालक के भरोसे परिजनों को डिमरापाल मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना कर दिया।

स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही बस्तर जिले के तोकापाल स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते ही उजागर हो गई, जब बुलबुल को सांसों के लिए लगाए गए सिलेंडर में ऑक्सीजन गैस खत्म हो गई। एंबुलेंस के वाहन चालक ने नजदीकी स्वस्थ्य केंद्र (तोकापाल) में मदद भी मांगी, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।

हॉस्पिटल में मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने जिम्मेदार अधिकारियों के नहीं होने का हवाला देकर ऑक्सीजन सिलेंडर देने से मना कर दिया। एंबुलेंस चालक ने मासूम बुलबुल और उसके परिजनों के साथ मेडिकल कॉलेज जाने का निर्णय लिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर चिकित्सकों ने मासूम बुलबुल की नब्ज टटोलकर उसके मृत होने की पुष्टि की। चिकित्सकों ने परिजनों को बताया कि तकरीबन आधे घंटे पहले ही बुलबुल की सांस थम चुकी है। अगर उसे ऑक्सीजन का सहारा मिलता रहता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।

इस घटना पर बीजापुर के सीएमएचओ बी.आर. पुजारी ने कहा, घटना की जानकारी मिली है। मासूम की मौत के कारण की जांच की जाएगी।

लापरवाही का आलम यह है कि गंभीर मरीज को भी बिना तकनीशियन के एंबुलेंस में भेजा जाता है। संबंधित डॉक्टर यह जांच भी नहीं करते कि सिलेंडर में पर्याप्त ऑक्सीजन है या नहीं। स्वास्थ्य विभाग में जब तक गैरजिम्मेदार, लापरवाह अधिकारी रहेंगे, न जाने कितने मासूम भ्रष्टतंत्र की भेंट चढ़ते रहेंगे।

सालभर पहले उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के गृहनगर गोरखपुर के एक सरकारी अस्पताल में पैसे बकाया होने के कारण ठेकेदार कंपनी ने ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी थी, जिस कारण लगभग 60 मासूमों की मौत हो गई थी। उसके बाद तथ्य छुपाने की पुरजोर कोशिश ऊपरी स्तर पर की जाने लगी। उसी दौरान उत्तर प्रदेश पहुंचे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था, इतने बड़े देश में ऐसी छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं। इससे पता चलता है कि सत्ता शोहरत, ऐशो-आराम तो देती है, लेकिन किसी-किसी से संवेदना छीन लेती है। उन्हें हमारी, हमारे मासूमों की परवाह नहीं, लेकिन वे अपेक्षा रखते हैं कि हर चुनाव में हम उन पर मेहबानी करते रहें।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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