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अन्तर्राष्ट्रीय

जिम्बाब्वे में सेना ने सरकारी चैनल पर कब्जा किया, तख्तापलट से इनकार

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हरारे, 15 नवंबर (आईएएनएस)| जिम्बाब्वे की सेना ने बुधवार को राष्ट्रीय प्रसारक ‘जेडबीसी’ के मुख्यालय पर कब्जा कर लिया। सेना ने हालांकि तख्तापलट की खबर को खारिज कर दिया है और कहा है कि उसकी कार्रवाई राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के खिलाफ नहीं बल्कि ‘अपराधियों’ के खिलाफ है। ‘द गार्डियन’ की रिपोर्ट के अनुसार, सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल सिबुसिसो मोयो द्वारा ‘जेडबीसी’ पर संदेश प्रसारित करने से पहले हरारे में विस्फोटों और गोलियों की आवाजें सुनाई दीं।

राजधानी में स्थित राष्ट्रपति निवास के पास भी कुछ आवाजें सुनी गईं।

अपने संबोधन में मोयो ने कहा, हमारे देश के लोगों और सीमा पार की दुनिया को हम यह साफ रूप से बताना चाहते हैं कि यह कार्रवाई सेना द्वारा सरकार का तख्तापलट नहीं है।

उन्होंने कहा, जिम्बाब्वे का रक्षा बल हमारे देश में विलुप्त हो रही राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति में संतुलन बनाने के लिए यह कर रहा है, जिसे अगर ठीक नहीं गया तो यह हिंसक संघर्ष का कारण बन सकता है। हम केवल उनके (मुगाबे) आसपास के अपराधियों को निशाना बना रहे हैं जो अपराध कर रहे हैं। जैसे ही हम अपने मिशन को पूरा कर लेंगे, हम उम्मीद करते हैं कि स्थिति सामान्य हो जाएगी।

उन्होंने कहा, हम देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि राष्ट्रपति और उनका परिवार सुरक्षित है और हमारी ओर से उनकी सुरक्षा की गारंटी है।

‘सीएनएन’ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने जनता से शांति बनाए रखने और ‘अनावश्यक रूप से कहीं आने-जाने से बचने का आग्रह’ किया।

यह प्रसारण सेना के कमांडर कॉन्स्टेंटिनो चिवेंगा द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने के 48 घंटों से भी कम समय में किया गया जिसमें उन्होंने अपने राजनैतिक सहयोगियों को दरकिनार करने की कार्रवाई को जारी रखने पर हस्तक्षेप की धमकी दी थी।

सरकारी मीडिया ने पहले इनका प्रेस सम्मेलन कवर नहीं किया था लेकिन बुधवार को यह जेबीसी पर प्रसारित किया गया जो सेना द्वारा चैनल पर कब्जा करने का एक संकेत था।

प्रेस सम्मेलन की प्रतिक्रिया में मुगाबे (93) की झानू-पीएफ पार्टी ने चिवेंगा पर ‘राजद्रोही कृत्य’ करने का आरोप लगाया।

ब्रिटेन के विदेश विभाग ने वर्तमान में हरारे में मौजूद ब्रिटिश नागरिकों को स्थिति के स्पष्ट न होने तक अपने घरों या अन्य स्थानों पर सुरक्षित रहने की सलाह दी।

हरारे में स्थित अमेरिकी दूतावास ने भी ट्वीट किया कि देश में जारी अनिश्चितता की स्थिति को लेकर बुधवार को दूतावास बंद रहेगा।

मुगाबे ने पिछले सप्ताह उत्तराधिकारी को लेकर हुए विवाद के बीच उपराष्ट्रपति एमर्सन मन्नगागावा को बर्खास्त कर दिया था, जिसके बाद से ही जिम्बाब्वे में राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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