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बिजनेस

टेराहट्र्ज माइक्रोचिप्स से कंप्यूटर्स होंगे 100 गुणा तेज

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न्यूयार्क, 26 मार्च (आईएएनएस)| शोधकर्ताओं ने एक ऐसी तकनीक की खोज की है, जो हमारे कंप्यूटर्स समेत सभी ऑप्टिक कम्यूनिकेशन डिवाइसों को टेराहट्र्ज माइक्रोचिप के जरिए 100 गुणा तेज बना देगा।

शोधकर्ताओं में से एक इजराजयल के हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ जेरुसलम (एचयू) के उरियल लेवी ने कहा, इस खोज से टीएचजेड खाई को पाटने तथा एक नया और अधिक शक्तिशाली वायरलेस डिवाइस बनाने में मदद मिलेगी जो वर्तमान में संभव दर से महत्वपूर्ण रूप से अधिक दर से डेटा संचरण (ट्रांसमिट) में सक्षम होगा।

लेवी ने कहा, हाई-टेक जमाने के दौर में यह तकनीक एक नई शुरुआत साबित होगी।

अब तक, टेराहट्र्ज माइक्रोचिप के निर्माण के रास्ते में दो प्रमुख चुनौतियां थीं- जरूरत से ज्यादा गर्म होना और मापनीयता (स्केलेबिलिटी)।

लेजर एंड फोटोनिक्स रिव्यू जर्नल में प्रकाशित शोध पत्र में शोधकर्ताओं ने एक ऑप्टिक प्रौद्योगिकी की अवधारणा के साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं, जो ऑप्टिक (प्रकाश) कम्यूनिकेशन की स्पीड को इलेक्ट्रॉनिक्स के विनिर्माण मापनीयता के साथ एकीकृत करने में सक्षम है।

ऑप्टिक कम्यूनिकेशन उन सभी प्रौद्योगिकियों को शामिल करता है जो फाइबर ऑप्टिक केबल के माध्यम से प्रकाश का प्रयोग कर संचरण करते हैं, जैसे इंटरनेट, ईमेल, पाठ संदेश, फोन कॉल, क्लाउड और डेटा केंद्रों व अन्य।

ऑप्टिक कम्यूनिकेशन बेहद तेज होते हैं, लेकिन माइक्रोचिप्स में वे गैर-भरोसेमंद होते हैं तथा बड़े पैमाने पर उनका दोहराव मुश्किल होता है।

अध्ययन में कहा गया कि अगर यह नवीनतम तकनीक सफल होती है तो 8-16 गीगाहट्र्ज के मानक कंप्यूटर्स 100 गुणा तेज चल सकेंगे।

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बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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