बिजनेस
डब्ल्यूईएफ : पहली बार भारत की चेतना सहित 7 महिलाओं को कमान
नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)| स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) का मंच तैयार हो गया है।
दो दशक के बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री दावोस सम्मेलन में शिरकत करने जा रहा है, लेकिन इससे अधिक रोचक यह है कि डब्ल्यूईएफ के 47 वर्षों के इतिहास में पहली बार इस सम्मेलन की अध्यक्षता की बागडोर पूरी तरह से सात महिलाओं को सौंपी गई है।
इन सात महिलाओं में भारत के ‘माण देसी महिला सहकारी बैंक’ की अध्यक्ष चेतना सिन्हा भी शामिल हैं। सिन्हा के अलावा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टिन लेगार्ड, आईबीएम की सीईओ गिनी रोमेटी, नॉर्वे की प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग, आईटीयूसी की महासचिव शैरन बरो, सीईआरएन की महानिदेशक फैबिओला जिआनोटी, एन्जी की सीईओ ईजाबेल कोचर हैं।
पहली बार इस वैश्विक मंच की बागडोर महिलाओं को सौंपने के फैसले को समझने की जरूरत है। दरअसल, इस मंच पर बीते कई वर्षो से पुरुषों की तुलना में महिलाओं की अनदेखी हो रही थी। इस वैश्विक मंच की अध्यक्षता से या तो महिलाओं को नजरअंदाज किया रहा था या सिर्फ खानापूर्ति की जा रही थी, जिस वजह से डब्ल्यूईएफ की कड़ी आलोचनाएं हो रही थीं।
डब्ल्यूईएफ की ओर से जारी बयान के मुताबिक, डब्ल्यूईएफ में महिलाओं की अध्यक्षता की मांग की जा रही थी और हमें भी लगा कि इस बार क्यों न महिलाओं को ही मंच सौंप दिया जाए। इसलिए हमने इस बार डब्ल्यूईएफ की बागडोर पूर्ण रूप से महिलाओं को सौंप दी।
महिलाओं द्वारा और महिलाओं के लिए चलाए गए देश के पहले ग्रामीण सहकारी महिला बैंक की संस्थापक है, उन्होंने इसकी स्थापना 1997 में की थी।
मानसी सिन्हा ने डब्ल्यूईएफ के लिए रवाना होने से पहले कहा, इस वैश्विक मंच पर महिलाओं, विशेष रूप से भारतीय महिलाओं का प्रतिनिधित्व करना सम्मान की बात है। यह पहला मौका है, जब इस वैश्विक मंच की अध्यक्षता महिलाएं करेंगी। वास्तव में महिलाओं को अधिक सम्मान और अवसरों की जरूरत है। अशिक्षित महिलाओं को संबल किए जाने की जरूरत है। अपने अनुभवों और भावी योजनाओं को साझा करने के लिए इससे बेहतर और क्या हो सकता है।
‘माण देसी महिला सहकारी बैंक’ में छोटे निवेशक 10 या 20 रुपये जैसी मामूली धनराशि भी जमा कर सकते हैं। वहीं, छोटे उद्यमियों को 100 या 200 रुपये का ऋण भी मिलता है। बैंक का पूरा ध्यान महिलाओं पर केंद्रित है। दूरवर्ती गांवों की महिलाओं को सिलाई-बुनाई सिखाने के लिए या स्कूल जाने वाली लड़कियों को साइकिल खरीदने के लिए भी ऋण आसानी से मिल जाता है।
दावोस सम्मेलन के नाम से दुनियाभर में लोकप्रिय डब्ल्यूईएफ की 48वीं सालाना बैठक का आयोजन 23 जनवरी से 26 जनवरी तक दावोस में होने जा रहा है लेकिन सम्मेलन का उद्घाटन सत्र 22 जनवरी को भारतीय व्यंजनों के तड़के और योग के साथ होने जा रहा है। मोदी 23 जनवरी को सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे।
इस चार दिवसीय सम्मेलन में व्यापार, राजनीति, कला, शिक्षा और नागरिक समाज से जुड़ी शख्सियतें शिरकत करने जा रही हैं।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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