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डोनाल्ड ट्रंप ने तनाव पैदा कर उठाया लाभ : बराक ओबामा

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obama trumpएथेंस। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने डोनाल्ड ट्रंप की जीत को देखते हुए कच्चे राष्ट्रवाद के खिलाफ चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क के अरबपति ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव को जीतने के लिए अमेरिका के लोगों पर अपनी वाकपटुता से वैश्वीकरण के खतरे के डर का तनाव पैदा किया और उसका लाभ उठाया।

सीएनएन की खबर के अनुसार, ओबामा मंगलवार को एथेंस में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वह मशीनीकरण और वैश्वीकरण के खतरे को लेकर अमेरिकी लोगों के गुस्से और डर को मानते हैं। लेकिन रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बारे में अपनी बात कहने के दौरान इन तथ्यों का इस्तेमाल नहीं किया।

यूनान के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में ओबामा ने कहा, आपने कुछ निर्वाचित रिपब्लिकन नेताओं और कार्यकर्ताओं की वाकपटुता को देखा है। इनमें से कुछ तो बहुत चिंताजनक हैं और सच्चाई से नहीं जुड़ी है, लेकिन उनका इस्तेमाल प्रभावी ढंग से लोगों को चुनाव में अपने पक्ष में करने के लिए किया गया। और स्वाभाविक है, ट्रंप ने रिपब्लिकन पार्टी में व्याप्त उस चिंताजनक तनाव का लाभ उठाया और उसके बाद उन्होंने उसे बहुत फैलाया और चुनाव में जीत के लिए काफी वोट पाया।

ओबामा ने कहा कि पूरे यूरोप के देशों के साथ-साथ अमेरिका वैश्विक ताकतों के अतिक्रमण के डर को लेकर लोकवादी आंदोलनों से जूझ रहा है। लोग बहस कर रहे हैं कि उनकी राष्ट्रीय पहचान या दुनिया में उनका स्थान अनिश्चित है। उन्होंने कहा कि नेताओं को अमेरिका और ब्रिटेन के चुनाव परिणामों पर ध्यान देना चाहिए। जून में ब्रिटेन में हुए चुनाव में यूरोपीय संघ से अलग होने के पक्ष में जनमत मिला।

ओबामा ने कहा, अब दूसरी तरह से देखना और गुमराह करना शुरू हो गया है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इसने वामपंथ और दक्षिण पंथ दोनों तरफ से लोकवादी आंदोलन पैदा किया है। ओबाम एक हफ्ते के विदेश दौरे पर हैं, जिनमें उन्हें तीन जगह रुकना है। पिछले 17 वर्षों में यूनान का दौरा करने वाले ओबामा पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं।

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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