Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

तुर्की की झील के अंदर प्राचीन महल की खोज

Published

on

Loading

अंकारा, 24 नवंबर (आईएएनएस)| तुर्की के सबसे बड़ी झील वान के अंदर से एक प्राचीन महल की खोज हुई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पुरातत्वविदों की एक टीम ने बताया कि वान यूनिवर्सिटी की टीम ने गुरुवार को इस खोज की घोषणा की। तुर्की की सबसे बड़ी और मध्य पूर्व की दूसरी सबसे बड़ी झील की गहराई में मिला यह प्राचीन महल काफी हद तक अच्छी हालत में है।

टीम के प्रमुख तहसीन सीलान ने कहा, स्थानीय लोगों के बीच यह बात कही जाती रही है कि पानी के नीचे कुछ हो सकता है लेकिन अधिकांश पुरातत्वविदों और संग्रहालय के अधिकारियों ने कहा था कि हमें वहां कुछ नहीं मिलेगा।

उन्होंने कहा, हम वान झील में 10 साल से शोध कर रहे हैं और यह खोज हमारे लिए भी अप्रत्याशित है।

महल एक किलोमीटर में फैला हुआ है। दीवारों की ऊंचाई तीन से चार मीटर के बराबर है, झील के क्षारीय जल ने इसे अच्छी स्थिति में रखा है। किले की शेष संरचनाएं पत्थरों से बनी हैं।

महल के बारे में जानने के लिए अभी भी बहुत कुछ है उदाहरण के लिए, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि महल की दीवारे झील के तलछट में कितनी गहराई तक गईं हैं। इसके अतिरिक्त आगे के पुरातात्विक अनुसंधान से इस महल के निर्माताओं के बारे में अधिक जानने में मदद मिलेगी।

शोधकर्ताओं ने पहली बार घोषणा करते हुए कहा कि उनका मानना है कि यह लुप्त हो चुकी उरारतु सभ्यता के लौह युग का अवशेष है, जिसे वान साम्राज्य भी कहा जाता है, जो नौवीं से लेकर छठी शताब्दी ईसा पूर्व तक आधुनिक ईरान के पास स्थित क्षेत्र में शुरू हुआ था।

पिछले साल टीम ने झील के अंदर चार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र तक फैले स्टैलगमाइट्स (पत्थर की चट्टानें) की भी खोज की थी।

इससे पहले इस साल शोधार्थियों ने झील में एक रूसी जहाज की खोज की घोषणा की थी जो 1948 में डूब गया था।

Continue Reading

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

Published

on

Loading

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

Continue Reading

Trending