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तेलंगाना के सभी पुलिस थानों के होंगे सोशल मीडिया खाते

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हैदराबाद, 30 दिसम्बर (आईएएनएस)| तेलंगाना में अगले साल से सभी पुलिस थानों के फेसबुक खाते और ट्विटर हैंडल होंगे, ताकि वे दैनिक आधार पर लोगों के साथ संपर्क में रह सकें। पुलिस महानिदेशक एम. महेंद्र रेड्डी ने शनिवार को कहा कि सुरक्षित तेलंगाना का उद्देश्य पूरा करने के लिए वे प्रौद्योगिकी का उपयोग करेंगे और जन अनुकूल पहलों को मिशन मोड में जमीन पर उतारेंगे।

राज्य में करीब 800 पुलिस थाने हैं। डीजीपी ने कहा कि यह प्रौद्योगिकी पिछले कुछ सालों से हैदराबाद में चलाई जा रही है, जिसे अब सभी जिलों और पुलिस बल की सभी इकाइयों तक विस्तारित किया जाएगा।

सभी पुलिस थानों में रिसेप्शन डेस्क, शिकायत निवारण और याचिका प्रबंधन प्रणाली भी शामिल होगी। लोगों की प्रतिक्रिया तीसरे पक्ष कॉल सेंटर के माध्यम से ली जाएगी और जिसके बाद इसी आधार पर प्रत्येक पुलिस थाने को नागरिक संतुष्टि रेटिंग दी जाएगी।

उन्होंने घोषणा की है कि 2018 प्रौद्योगिकी और नागरिक अनुकूल पहल का साल रहने वाला है। उन्होंने वर्ष के लिए सालाना योजना जारी की, जिसमें आठ लक्ष्यों को पाने के लिए प्रस्तावित पहल को दर्शाया गया है। इनमें सेवा वितरण में सुधार, मौजूदा और उभरते अपराधों पर लगाम, संगठनों का निर्माण और परिवर्तन, कार्यबल प्रबंधन, प्रौद्योगिकी अपनाना, समुदाय और डोमेन विशेषज्ञों के साथ साझेदारी, सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन और शहरों को सुरक्षित बनाना शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि राजधानी हैदराबाद, साइबराबाद और राचकोंडा के पुलिस आयुक्तों द्वारा कई परियोजनाएं लॉन्च की गई हैं, जो राजधानी के शहर को कवर करती हैं और इन्हें अब राज्य के अन्य हिस्सों में भी लागू किया जाएगा।

फ्रंटलाइन पुलिस अधिकारियों को सशक्त बनाने के लिए पुरस्कार विजेता मोबाइल एप हाइडकोप को पूरे राज्य में विस्तारित किया जाएगा। यह एप वैश्विक मानकों पर स्मार्ट पुलिस के लिए बनाया गया था। इस एप को टीएससीओपी नाम से जाना जाएगा, जिसे एक सप्ताह के भीतर शुरू किया जाएगा। इसी तरह आम आदमी को नागरिक पुलिस बनने के लिए एक मोबाइल एप हॉकआई भी राज्य भर में विस्तारित किया जाएगा।

सामुदायिक सीसीटीवी परियोजना हैदराबाद पुलिस को अपराध की रोकथाम और पता लगाने में मदद करेगी, जिसे 30 अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा।

प्रत्येक जिला पुलिस मुख्यालय और आयुक्तालय में मिनी कमांड और कंट्रोल सेंटर की स्थापना की जाएगी और इसे हैदराबाद में राज्य कमांड और कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाएगा।

डीजीपी ने कहा कि सोशल मीडिया पर किए जाने वाले पोस्ट में कानून-व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने की क्षमता होती है, इसलिए लोगों की भागीदारी के साथ सोशल मीडिया निगरानी प्रकोष्ठ का निर्माण किया जाएगा। प्रत्येक जिले में एक सोशल मीडिया प्रयोगशाला भी प्रस्तावित है।

जैसा कि 2017 के दौरान राज्य में साइबर अपराध दोगुने हो गए थे, इसी कारण पुलिस ने इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया। राज्य में पुलिस बल की सभी इकाइयों में साइबर अपराध प्रकोष्ठ का निर्माण किया जाएगा।

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बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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