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बिजनेस

‘दिल्ली-चंडीगढ़ कॉरिडोर पर 200 किमी प्रति घंटा रफ्तार पाने में लगेंगे 11000 करोड़’

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नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)| दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर ट्रेनों की रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ाने में करीब 11 हजार करोड़ की लागत आएगी।

इसके जरिए यात्री इन दोनों शहरों के बीच की दूरी को दो घंटे में पूरी कर सकेंगे। फ्रेंच रेलवे, एसएनसीएफ द्वारा भारतीय रेलवे को सौंपी गई अंतिम मसौदा रिपोर्ट में यह बात कही गई है। 245 किलोमीटर लंबा दिल्ली-चंडीगढ़ कॉरिडोर उत्तर भारत के सबसे व्यस्त रूट में से एक है। इस पर भारतीय रेलवे की फ्रांसीसी कंपनी के सहयोग से देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन, जिसमें अधिकतम गति 200 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी, को चलाने की योजना है।

सोमवार को भारतीय रेलवे 1,700 पन्नों की इस विस्तृत रिपोर्ट को अंतिम रूप देगी। इसके बाद निविदा वाले दस्तावेज तैयार किये जाएंगे और आगे के लिए एक कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के जनवरी 2018 में भारत आने की उम्मीद है। उसी समय परियोजना औपचारिक रूप से लॉन्च की जाएगी।

रेल विभाग अगले साल एसएनसीएफ के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा, जिसमें रेलवे क्षेत्र में सहयोग के दायरे का विस्तार होगा। साथ ही उसमें अर्ध-उच्च गति वाली ट्रेनों के चालकों की ट्रेनिंग और रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा और बचाव भी शामिल होंगे।

रिपोर्ट के मुताबिक, पानीपत और अंबाला में दो स्टॉपेज के साथ 200 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से कुल यात्रा का समय 2 घंटे और 2 मिनट हो जाएगा।

वर्तमान में, शताब्दी एक्सप्रेस 110 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से लगभग तीन घंटे और 30 मिनट में इस दूरी को पूरा करती है।

एसएनसीएफ ने निष्पादन रणनीति और कार्यान्वयन मॉडल को विस्तृत परियोजना लागत के साथ प्रस्तुत की है जिसमें लागत विश्लेषण और तकनीकी मापदंडों के विवरण के साथ मार्ग को बेहतर बनाना भी शामिल है।

रिपोर्ट में कुल अनुमानित लागत 11,218 करोड़ रुपये आंकी गई है जिसमें सिग्नल अपग्रेड, मुख्य सिविल वर्क्स और रोलिंग स्टॉक शामिल हैं।

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारी रिपोर्ट की जांच करेंगे और सोमवार को चर्चा के बाद अंतिम लागत पर फैसला किया जाएगा।

वर्तमान में दिल्ली-चंडीगढ़ रेल मार्ग पर 32.7 किमी से अधिक के करीब 20 प्रमुख घुमाव हैं जिनका पुनर्निर्माण किया जाएगा। हालांकि, फिर से निर्माण के लिए किसी नई भूमि का कोई अधिग्रहण नहीं किया जाएगा।

दिल्ली-चंडीगढ़ के अलावा, मुंबई-गोवा, चेन्नई-हैदराबाद, मैसूर-चेन्नई, दिल्ली-कानपुर और नागपुर-सिकंदराबाद सहित लगभग 4,000 किलोमीटर के कुल सात रेल मार्गों में सुधार किया जाना है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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