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बिजनेस

देशव्यापी एमएनपी 3 जुलाई से : वोडाफोन

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नई दिल्ली | दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी वोडाफोन ने गुरुवार को कहा कि वह तीन जुलाई से देशभर में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) लागू करने के सरकार के आदेश को पर अमल करने के लिए तैयार है। देशव्यापी एमएनपी के तहत मोबाइल उपभोक्ता एक दूरसंचार क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरित होने पर भी अपना नंबर बरकरार रख सकेंगे और उसी नंबर पर दूसरी कंपनी की सेवा ले पाएंगे।

कंपनी ने कहा कि यह सभी प्रीपेड और पोस्टपेड ग्राहकों पर लागू होगा। कंपनी के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी विवेक माथुर ने कहा, “एमएनपी सेवा से ग्राहक पूरे देश में अपना नंबर बरकरार रख पाएंगे और उसी नंबर पर अपनी पसंद की कंपनी की सेवा ले पाएंगे। वोडाफोन 2011 में सर्किल के अंदर शुरू हुई रोमिंग सुविधा से लाभ में रही है। इस बार भी हमें ऐसी ही उम्मीद है।” कंपनी के देशभर में 18.4 करोड़ ग्राहक हैं।

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फिनटेक फर्म भारतपे और अशनीर ग्रोवर के बीच विवाद खत्म, दोनों पक्षों में हुआ समझौता

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नई दिल्ली। फिनटेक फर्म भारतपे और उसके पूर्व को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर के बीच समझौता हो गया है। इस समझौते के साथ ही दोनों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद भी खत्म हो गया है। फिनटेक कंपनी भारतपे ने सोमवार को कहा कि उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर किसी भी रूप में कंपनी से नहीं जुड़ेंगे और न ही उनके पास कंपनी के कोई शेयर होंगे। भारतपे ने बयान में कहा कि भारतपे ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ एक निश्चित समझौता किया है। यानी कुल मिलाकर अब विवाद पर पूर्ण विराम लग गया है.

बता दें कि विवादों के चलते मार्च 2022 में अशनीर को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से निकाल दिया गया था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दायर कानूनी मामलों को वापस लेने का फैसला लिया है। भारतपे ने इस मामले में एक बयान जारी किया है. कंपनी ने बयान में लिखा- भारतपे का फोकस, प्रॉफिट के साथ ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देने पर रहेगा. हमारी तरफ से अशनीर ग्रोवर को शुभकामनाएं।

 

क्या बोले अशनीर ग्रोवर?

मैं भारतपे के साथ एक निर्णायक समझौते पर पहुंच गया हूं। मैं प्रबंधन और बोर्ड पर अपना भरोसा रखता हूं, जो भारतपे को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं। मैं कंपनी के विकास के साथ लगातार जुड़ा हुआ हूं। मैं अब किसी भी पद पर भारतपे से नहीं जुड़ा रहूंगा, न ही कैपिटल टेबल का हिस्सा बनूंगा। मेरे शेष शेयरों का प्रबंधन मेरे फैमिली ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। मुझे उम्मीद है कि भारतपे अपने सभी हितधारकों के लाभ के लिए आगे बढ़ता रहेगा और सफल होता रहेगा।

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