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धूम्रपान करने वालों पर 7,000 से अधिक रसायनों का असर

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नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)| धूम्रपान दुनिया के सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य संकटों में से एक है। भारत में तम्बाकू का इस्तेमाल निवारक रोगों और मृत्यु का प्रमुख कारण है।

धूम्रपान करने वालों पर 7,000 से अधिक रसायनों का असर होता है, जिनमें करीब 250 रसायन प्रामाणिक तौर हानिकारक और और करीब 69 रसायन कैंसरकारी होते हैं। क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डीजीज (सीओपीडी), हृदयधमनी रोग (सीवीडी) और फेफड़े के कैंसर के लिए धूम्रपान प्रमुख जोखिम घटक है। सीओपीडी की स्वाभाविक प्रगति में बदलाव का एकमात्र प्रमाणिक तरीका है धूम्रपान बंद करना। यह मायोकार्डियल इन्फाक्र्शन और फेफड़े का कैंसर का खतरा कम करने का भी सबसे असरदार तरीका है।

धूम्रपान करने वाले लोग फेफड़े के कैंसर के शुरुआती चरण का पता चलने पर धूम्रपान छोड़ देते हैं, जिससे मृत्यु और फेफड़े के कैंसर की पुनरावृत्ति का खतरा काफी कम हो जाता है। तम्बाकू का सेवन करने वालों में धूम्रपान करने वालों का अनुपात 35.1 फीसदी है। तम्बाकू का धूम्रपान करने वालों पर 7,000 से अधिक रसायनों का असर होता है, जिनमें करीब 250 रसायन प्रामाणिक तौर हानिकारक और और करीब 69 रसायन कैंसरकारी होते हैं।

भारत में कैंसर के सभी मामलों में 30 फीसदी से ज्यादा मुंह और फेफड़ों के कैंसर के मामले हैं। भारत में मुंह के कैंसर के लगभग एक-चैथाई मामलों के पीछे तम्बाकू के इस्तेमाल का हाथ है।

तम्बाकू के धुएं में 40 से अधिक रसायनों को कैंसरकारी पाया गया है। धूम्रपान से आपके फेफड़े और श्वसन तंत्र के अन्य हिस्से भी क्षतिग्रस्त होते हैं, आपका रक्तचाप बढ़ जाता है और आपके शरीर में आक्सीजन की कमी हो जाती है। यह तम्बाकू के महज कुछ हानिकारक प्रभाव हैं।

श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट के चेस्ट फिजिशियन डॉ अखिलेश आर्या का कहना है, आदत को छोड़ना निकोटीन (तम्बाकू में मौजूद उत्तेजक रसायन) के प्रति शारीरक लत के कारण ज्यादा मुश्किल हो जाता है। निकोटीन बेहद व्यसनकारी ड्रग है। यह स्नायुतंत्र को उत्तेजित करने वाले अन्य नशीले पदार्थो की तरह काफी तीव्र शारीरिक इच्छा और व्रिडॉअल सिम्प्टम्स (प्रतिकारी लक्षण) पैदा करता है।

उन्होंने कहा, सौभाग्य से अब ऐसे चिकित्सीय उपचार उपलब्ध हैं जिनसे व्रिडॉअल सिम्प्टम और तीव्र इच्छा को नियंत्रित किया जा सकता है। उपचार के द्वारा जीवन की गुणवत्ता, दिन के समय उभरने वाले लक्षण और ब्रांकियल हाइपरऐक्टिविटी में काफी सुधार देखा जा सकता है।

धूम्रपान करने से क्रोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) का सबसे बड़ा खतरा रहता है। लगातार धूम्रपान करने वाले हर चार में से कम से कम एक व्यक्ति को सीओपीडी होने का खतरा रहता है। दमा और सीओपीडी, दोनों में फेफड़ों की कार्यशीलता में तेजी से गिरावट होती है।

धूम्रपान नहीं करने वालों की अपेक्षा धूम्रपान करने वालों को सीओपीडी होने का तीन गुणा ज्यादा खतरा रहता है। धूम्रपान करने वाले 40 फीसदी लोगों को स्थायी ब्रांकाइटिस हो जाता है और उनमें से आधे (20 फीसदी) लोग सीओपीडी के शिकार हो जाते है। आजीवन धूम्रपान करने वालों को अपने जीवनकाल में सीओपीडी होने की 50 फीसदी संभावना रहती है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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