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बिजनेस

नई वित्तीय संहिता पर सरकार से बातचीत जारी : राजन

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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि नई वित्तीय संहिता पर सरकार और आरबीआई बातचीत कर रहे हैं और दोनों के बीच स्वस्थ पारस्परिक सम्मान बना हुआ है। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद यहां कहा, “प्रस्तावित संहिता की संरचना और नीति पर हम सरकार के साथ सहयोगात्मक तरीके से बात कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “पहले हमें व्यापक सहमति पर पहुंचना होगा। छोटी-छोटी बातों पर बाद में विचार किया जाएगा।” राजन ने पहली बार संहिता पर सार्वजनिक बयान दिया है। संहिता में मौद्रिक नीति तय करने में आरबीआई की स्वायत्तता घटाने का प्रस्ताव है। गवर्नर ने हालांकि स्पष्ट किया कि मौद्रिक नीति मामले में वीटो लगाने का अधिकार अभी भी उनके पास है।

राजन ने कहा कि तीन कारणों से मौद्रिक नीति तय करने वाली समिति बनानी जरूरी है। पहला, समिति में हर पक्ष का प्रतिनिधित्व होगा। दूसरा, हर पक्ष पर जिम्मेदारी समान रूप से विभाजित होगी और तीसरा, गवर्नर या किसी सदस्य के पद छोड़ने पर भी नीति संबंधी प्रक्रिया बाधित नहीं होगी। राजन ने कहा, “अभी रिजर्व बैंक स्वायत्त है। किसी भी बदलाव के लिए पहले आरबीआई अधिनियम में विधायी प्रक्रिया से बदलाव करना होगा।” जियोजीत बीएनपी पारिबा के तकनीकी रिसर्च डेस्क के सह-प्रमुख आनंद जेम्स ने कहा, “इस मुद्दे पर बोलने के लिए राजन सही व्यक्ति थे और उन्होंने बोला है। आरबीआई और सरकार के बीच मतभेद नहीं होने की बात कहने से बाजार को राहत मिली है।”

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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