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साइंस

नक्सल गढ़ में बीएसएनल ने शुरू की मौन इंटरनेट क्रांति

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नई दिल्ली, 12 नवंबर (आईएएनएस)| देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मौन इंटरनेट क्रांति का संकेत देते हुए सरकार की कंपनी बीएसएनल ने रविवार को बताया कि उस इलाके में रोजाना इंटरनेट का उपयोग 400 गीगाबाइट्स को पार कर गया है।

भारत संचार निगम लिमिटेड यानी बीएसएनएल ने उपलब्धि को नक्सल हिंसा प्रभावित क्षेत्र में मजबूत मोबाइल संचार नेटवर्क बनाने की केंद्र सरकार की रणनीति का नतीजा बताया।

टेलीकॉम ऑपरेटर के मुताबिक सरकार की ओर से 2015 में फैसला लिए जाने के महज 18 महीने की कम अवधि में उपकरण निर्माता वीएनएल के साथ मिलकर नेटवर्क तैयार किया गया है।

बीएसएनएल ने एक बयान में कहा, यह तारीफ करनेवाली बात है कि हर अगले दिन डाटा का उपयोग बढ़ता जा रहा है।

बीएसएनएल के मुताबिक प्रचुर डाटा की उपलब्धता का उपयोग कर नक्सल प्रभावित कई राज्यों के विभिन्न जिलों के लोग आसानी से मुख्य धारा में जुड़ रहे हैं और वे सरकारी व वित्तीय सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।

कंपनी की ओर जारी बयान के मुताबिक बीएसएनएल पर इस परियोजना को अमलीजामा पहनाने का दायित्व सौंपा गया था। कंपनी ने वीएनएल और एचएफसीएल के साथ मिलकर इसे रिकॉर्ड 18 महीने में पूरा किया। दोनों कंपनियों ने 2,000 से ज्यादा सौर ऊर्जा टॉवर स्थापित किया, जो दो साल से सफलतापूर्व काम कर रहे हैं।

बीएसएनएल ने इसे दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन मोबाइल नेटवर्क बताया, जिसके जरिये 20,000 से ज्यादा गांवों में वॉइस और डाटा की सेवाएं प्रदान की जा रही है।

वीएनएल के चेयरमैन राजीव मेहरोत्रा ने एक बयान में कहा, आदिवासी इलाकों में जहां अब तक वॉइस कनेक्टिविटी भी उपलब्ध नहीं थी वहां अब बैंकिंग और अन्य एप्लीकेशंस के लिए डाटा को उपयोग हो रहा है।

गौरतलब है कि देश की एक बड़ी पट्टी नक्सली हिंसा से प्रभावित क्षेत्र में आती है, जो ठीक से सड़क मार्ग से भी नहीं जुड़ी हुई है। इस पट्टी में छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, ओडिसा, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के क्षेत्र शामिल हैं।

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Success Story

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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