खेल-कूद
ना किसी से पूछ के क्रिकेट शुरू की, न पूछ के संन्यास ले रहा हूं : नेहरा
नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)| न्यूजीलैंड के खिलाफ बुधवार को अपने करियर का अंतिम मैच खेलने वाले भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में बेबाकी से हर एक सवाल का जबाव दिया और दिल खोल कर बोले। इस दौरान नेहरा मजाकिया लहजे में दिखे। इस बीच उन्होंने साफ किया कि उन्होंने क्रिकेट खेलना किसी से पूछ कर शुरू नहीं किया था न ही किसी से पूछ कर वह संन्यास ले रहे हैं।
ऐसी खबरें थी कि चयनकर्ताओं ने नेहरा को पहले ही कह दिया था कि यह उनकी आखिरी सीरीज होगी, इसके बाद वह उन्हें टीम में नहीं चुनेंगे।
इस बात का जबाव देते हुए अपने बेबाक अंदाज में नेहरा ने कहा, मेरी मुख्य चयनकर्ता से कोई बात नहीं हुई। जहां तक टीम प्रबंधन की बात है तो जब हम रांची पहुंचे तो मैंने विराट को यह बात बताई तो उनकी पहली प्रतिक्रिया थी की क्या आप निश्चित हैं? उन्होंने कहा था कि आप आईपीएल में कोच कम प्लेयर के तौर पर खेल सकते हैं, लेकिन मैंने कहा था मेरा समय आ गया है।
उन्होंने कहा, भाग्य से यह मैच दिल्ली में आ गया। मैंने कभी किसी से फेयरवेल के लिए नहीं कहा था। यह भगवान का एक तरीका है मुझे सम्मानित करने का उसके लिए जो मैंने पिछले 8-10 वर्षो में जो काम किया उसक फल मिल रहा। मैंने कोहली और मुख्य कोच रवि शास्त्री को बताया था, लेकिन चयनकर्ताओं से मेरी बात नहीं हुई थी। मैंने जब क्रिकेट खेलनी शुरू की थी तो चयनकर्ता से पूछ के शुरू नहीं की थी और अब छोड़ भी रहा हूं तो किसी से पूछ के नहीं छोड़ रहा हूं।
नेहरा ने 1999 में श्रीलंका के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। उस समय भारत का विश्व क्रिकेट में इतना दबदबा नहीं था जितना आज है। इस बदलाव को लेकर नेहरा ने कहा कि खेल हर आठ-दस साल में बदलता है।
उन्होंने कहा, क्रिकेट ऐसा खेल है जो हर आठ-दस साल बाद बदलता है। ऐसा नहीं है कि पहले टीम अच्छी नहीं थी। लेकिन हर टीम का एक अपना दौर आता। जब मैंने क्रिकेट शुरू की थी तब 2001 से 2007-08 तक आस्ट्रेलिया ऐसी टीम थी कि उनको हराना काफी मुश्किल होता था। श्रीलंका, वेस्टइंडीज की टीमें भी पहले जैसी नहीं रहीं।
2011 विश्व विजेता टीम के सदस्य रहे नेहरा ने कहा, इसमें इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का बड़ा हाथ है। इससे खिलाड़ियों को आत्मविश्वास मिला है। जो 15 खिलाड़ी टीम में हैं उनके अलावा 15 और ऐसे लड़के हैं जो बहुत ही अच्छे हैं। वो ऐसे हैं कि उन्होंने जब कभी भी खिला लो वह अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इंडिया-ए के काफी टूर होने लगे हैं जो पहले कम होते थे। इसलिए खेल हर 5-10 साल में बदलता रहता है।
नेहरा न्यूजीलैंड सीरीज शुरू होने से पहले आस्ट्रेलिया सीरीज में एक भी मैच नहीं खेले थे। नेहरा ने इस पर कहा उन्होंने यह फैसला खुद ही लिया था।
नेहरा ने कहा, एक और बात, कई लोगों ने कहा कि आशीष नेहरा आस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम एकादश में नहीं खेले। जब मैं वहां गया तो मैं अपनी रणनीति बना के गया था। मुझे लगता है कि भुवनेश्वर कुमार अब तैयार हैं। पिछले दो साल से मैं और बुमराह खेल रहे हैं और भुवी अंदर-बाहर होते रहते हैं। इस साल आईपीएल के बाद मुझे अच्छा नहीं लगता की मैं खेलूं और भुवी बाहर बैठे। वो मेरा फैसला था।
नेहरा ने अपने आखिरी मैच में पहला और अंतिम ओवर फेंका। नेहरा ने कहा कि कप्तान कोहली चाहते थे कि वह आखिरी ओवर फेंके।
नेहरा ने अपने भविष्य के बारे में कहा, मैंने अभी इस पर कुछ सोचा नहीं है, लेकिन मुझे क्रिकेट के अलावा कुछ आता नहीं है। कोचिंग या कामेंट्री, अभी बैठ कर इस बारे में सोचूंगा।
सोशल मीडिया पर विराट और नेहरा की एक तस्वीर चाहे जब देखी जा सकती है जिसमें नेहरा, विराट को ट्रॉफी देते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इस पर नेहरा ने हंसते हुए कहा, मैं सोशल मीडिया पर नहीं हूं इसलिए मुझे इस बारे में पता नहीं है, लेकिन वो तस्वीर विराट इस समय जो हैं उसके कारण चर्चा में आ गई है। अगर वही फोटो युजवेंद्र चहल के साथ होती और सिराज के साथ होती तो आप कोई नहीं पूंछता।
नेहरा ने अपने संन्यास पर कहा कि, मुझे अभी भी याद है 1997 में मैंने इसी स्टेडियम में अपना पहला मैच हरियाणा के खिलाफ खेला था। इसमें कोई शक नहीं है कि यह भावुक पल है। मैं अपने करियर से संतुष्ट हूं।
खेल-कूद
IPL Auction: 13 साल के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, बन गए सबसे युवा करोड़पति
पटना। बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने महज 13 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। वैभव को आईपीएल मेगा नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। 13 साल 243 दिन की उम्र में वैभव आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स उन्हें अपने साथ जोड़ने में दिलचस्पी दिखाई। राजस्थान ने 1.1 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा।
वैभव ने हाल ही में सबका ध्यान अपनी ओर खींचा जब वह अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज (13 वर्ष, 288 दिन) बने। उन्होंने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ भारत अंडर-19 के लिए खेले गए यूथ टेस्ट में 62 गेंदों पर 104 रन बनाए। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने 58 गेंदों पर शतक बनाया। यह किसी भारतीय का सबसे तेज यूथ टेस्ट शतक और दुनिया में दूसरा सबसे तेज शतक था।
वैभव एक बेहतरीन खिलाड़ी है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 आईपीएल में वह जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे। वैभव की बात करें तो वह बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। महज 13 साल के बेटे के करोड़पति बनने के बाद उनके पिता भावुक नजर आ रहे हैं।
एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया। अपनी खेती तक की जमीन बेच दी ताकि वैभव क्रिकेट खेल सके और अपना करियर बना सके। वैभव के बारे में बात करते हुए पिता ने बताया कि उसे हमेशा से क्रिकेट में रूचि थी और वह महज 5 साल का था, तब से क्रिकेट खेल रहा है। वैभव को उनके पिता ने ही घर में नेट प्रैक्टिस करवाई, जिसके बागद समस्तीपुर क्रिकेट एकेडमी भेजा। उनके पिता ने बेटे की कामयाबी के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी का भी शुक्रिया किया।
-
लाइफ स्टाइल9 hours ago
दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज
-
लाइफ स्टाइल1 day ago
साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान
-
खेल-कूद3 days ago
IND VS AUS : पर्थ टेस्ट में दिखा यशस्वी जायसवाल का तेवर
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
बीएसपी चीफ मायावती का बड़ा ऐलान, अब उनकी पार्टी नहीं लड़ेगी उपचुनाव
-
ऑफ़बीट1 day ago
SAMAY RAINA : कौन हैं समय रैना, दीपिका पादुकोण को लेकर कही ऐसी बात, हो गया विवाद
-
राजनीति3 days ago
मुंबई में महायुति के चुने गए विधायकों की बैठक, आज तय होगा महाराष्ट्र का नया सीएम
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
प्रयागराज महाकुम्भ में बिखरी सनातन की छटा, महाकुम्भ क्षेत्र तीन संन्यासी अखाड़ों की धर्म ध्वजा हुई स्थापित
-
मनोरंजन2 days ago
रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण ने स्वर्ण मंदिर में टेका मत्था, सोशल मीडिया पर शेयर की फोटो