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बिजनेस

निकोन इंडिया का लक्ष्य 1,200 करोड़ रुपये राजस्व जुटाने पर

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नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)| मैनुअल शूटिंग मोड, बढ़िया सेंसर्स और ज्यादा से ज्यादा मेगापिक्सल ने पहले ही कॉम्पैक्ट डिजिटल कैमरों का विनाश कर दिया है। क्या स्मार्टफोन डिजिटल सिंगल-रिफ्लेक्स (डीएसएलआर) कैमरों के साथ भी ऐसा ही करेंगे?

इसका जवाब जापान की प्रमुख कैमरा दिग्गज कंपनी निकोन ने ‘नहीं’ में दिया है। कंपनी का कहना है कि उसका लक्ष्य भारत में वित्त वर्ष 2017-18 में बिक्री का नया रिकार्ड बनाना है और 1200 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाना है।

वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान कंपनी का बिक्री राजस्व 1,150 करोड़ रुपये था, जो कि पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा है।

निकोन इंडिया ने प्रबंध निदेशक काजुओ निनोमिया ने आईएएनएस को बताया, हमारा लक्ष्य इस साल बिक्री का नया रिकार्ड बनाना है और इसमें 5 से 10 फीसदी की वृद्धि करना है ताकि 1,200 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित हो सके। डीएसएलआर कैमरों की बिक्री से प्राप्त राजस्व में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। वास्तव में यह सीडीसी कैमरों की घटती बिक्री से हो रही हानि को पूरा कर रहा है।

निकोन इंडिया जापान की निकोन कॉरपोरेशन की सौ फीसदी स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और देश के डीएसएलआर बाजार में इसकी हिस्सेदारी 55 फीसदी है। वहीं, देश के डिजिटल कैमरा बाजार में निकोन की हिस्सेदारी 50 फीसदी से अधिक है।

यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी की भारत में कोई संयंत्र लगाने की योजना है? निनोमिया ने कहा, फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है।

उन्होंने स्मार्टफोन कैमरा या लेंस निर्माण में कंपनी के कदम रखने की बात को भी खारिज किया।

उन्होंने बताया कि कंपनी हाई-एंड फुल फ्रेम कैमरा के नए संस्करण लेकर आ रही है। कंपनी ने एक नया मॉडल निकोन डी 850 को लांच करने की घोषणा की, जो 36.3 मेगापिक्सल के फुल फ्रेम डी 810 कैमरा का अगला संस्करण होगा, जिसकी बेहतरीन गुणवत्ता वाली तस्वीर लेने की क्षमता की प्रशंसा की जाती है।

कंपनी ने बताया कि डी 850 फोटोग्राफी के शौकीनों और पेशेवरों के लिए एक बेहतरीन कैमरा होगा जो बिल्कुल स्पष्ट और चटख तस्वींरें लेने में सक्षम होगा।

कंपनी ने बताया कि उसका जोर छोटे और मझोले शहरों पर है।

निकोन इंडिया के उपाध्यक्ष कॉरपोरेट सेल्स और रणनीति सज्जन कुमार ने आईएएनएस को बताया, देश में कंपनी अपना वितरण नेटवर्क और सर्विस सेंटर स्थापित कर रही है और छोटे शहरों में भी कंपनी जा रही है जिसमें सागर और अजमेर जैसे शहर शामिल हैं।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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