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अन्तर्राष्ट्रीय

निक्की हेली ने कैरोलिना सीनेट को सराहा

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वाशिंगटन,अमेरिका के साउथ कैरोलिना,भारतीय-अमेरिकी गवर्नर निक्की हेली, स्टेट हाउस ग्राउंड से कन्फेडरेट बैटल फ्लैग को हटाने के पक्ष

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वाशिंगटन | अमेरिका के साउथ कैरोलिना प्रांत की भारतीय-अमेरिकी गवर्नर निक्की हेली ने प्रांत के स्टेट हाउस ग्राउंड से कन्फेडरेट बैटल फ्लैग को हटाने के पक्ष में मतदान करने के लिए राज्य सीनेट की प्रशंसा की। साउथ कैरोलिना सीनेट में मतदान उस बर्बर घटना के तीन सप्ताह बाद हुआ, जिसमें एक श्वेत नागरिक ने ऐतिहासिक गिरजाघर में नौ अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिकों को गोलियों से भून डाला था।

रिपब्लिकन पार्टी की सदस्य हेली ने सबसे पहले अलगाववादी झंडे (कन्फेडरेट बैटल फ्लैग) को हटाने की पहल की थी, जब यह खुलासा हुआ था कि श्वेत हमलावर डीलन रूफ ने वारदात के समय एक हाथ में बंदूक और दूसरे हाथ में यही झंडा थाम रखा था। हेली ने सोमवार को राज्य प्रतिनिधिसभा से भी सीनेट का अनुसरण करने का अनुरोध किया। स्टेट हाउस ग्राउंड में 50 वर्षो से भी ज्यादा समय से फहराए जा रहे गुलामी युग के झंडे को हटाने के प्रस्ताव वाले विधेयक को रिपब्लिकन बहुल सीनेट में तीन के मुकाबले 37 मत मिले। सीनेट के पुनर्विचार के बाद मंगलवार को यह विधेयक प्रतिनिधिसभा में मतदान के लिए पेश होगा। हेली ने कहा, “साउथ कैरोलिना की सीनेट ने आज का दिन ऐतिहासिक बना दिया है। दोनों पार्टियों ने बहुमत से साथ मिलकर एकता का परिचय दिया, जो हमारे देश को एकजुट करता है और हमें सही राह पर आगे ले जाता है।”

सीएनएन के मुताबिक, सोमवार को राज्य सीनेट में विधेयक पर चर्चा के दौरान बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी झंडे को हटाए जाने या नहीं हटाने के पक्ष में अपना समर्थन देने के लिए सीनेट भवन के बाहर एकत्र हुए। सीएनएन के ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक, 57 फीसदी अमेरिकी कन्फेडेरेट बैटल झंडे को नस्ली भेदभाव के प्रतीक के बजाय ‘दक्षिण के गौरव’ के प्रतीक के रूप में देखते हैं। वर्ष 2000 में भी 59 फीसदी अमेरिकी नागरिकों ने स्वीकार किया था कि वे झंडे को गौरव के प्रतीक के रूप में देखते हैं।

हेली ने समाचार चैनल ‘एनबीसी’ से कहा, “झंडे को हटाने की पहल तो शुरुआत भर है, इसका अंत यहीं नहीं होता।” समाचार पत्र ‘न्यूयार्क टाइम्स’ ने अपने संपादकीय में लिखा, “गृह युद्ध का खात्मा हो रहा है। साउथ कैरोलिना के सीनेट का झंडे को हटाए जाने के पक्ष में किया गया मतदान कालातीत है। अब प्रतिनिधिसभा को अपना फैसला सुनाना है।”

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिकी कोर्ट ने इस देश के पूर्व राष्ट्रपति को सुनाई 45 साल की सजा, लगाया इतना तगड़ा जुर्माना

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नई दिल्ली। अमेरिका में सैकड़ों टन कोकीन की तस्करी का दोषी ठहराए जाने के बाद न्यूयॉर्क की एक अदालत ने होंडुरन के पूर्व राष्ट्रपति जुआन ऑरलैंडो हर्नांडेज़ को 45 साल जेल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उनपर 8 मिलियन अमेरिकी डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है। हर्नान्डेज़ ने पहले अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है। बुधवार को अपनी सजा सुनाते समय, उन्होंने जोर देकर कहा कि वह निर्दोष हैं और उनपर गलत और अन्यायपूर्ण तरीके से आरोप लगाया गया था।

अमेरिकी कोर्ट ने कहा, “हर्नांडेज़ की भूमिका कांग्रेस के अध्यक्ष और होंडुरास के राष्ट्रपति के रूप में अपनी राजनीतिक शक्ति का उपयोग पैसे के बदले में मादक पदार्थों के तस्करों के जोखिमों को सीमित करने के लिए करना था।” उन्होंने कहा कि हर्नांडेज़ ने पुलिस और सैन्य सहायता प्रदान की और 400 टन दवाएं संयुक्त राज्य अमेरिका भेजने में मदद की। बता दें कि इससे पहले मार्च में, न्यूयॉर्क की एक जूरी ने मैनहट्टन संघीय अदालत में दो सप्ताह की सुनवाई के बाद हर्नान्डेज़ को तीन मादक पदार्थों की तस्करी के आरोपों में दोषी पाया था।

उन्होंने आरोपों से इनकार किया था। 2022 में अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा उनके खिलाफ तीन ड्रग-तस्करी और आग्नेयास्त्र-संबंधित आरोप दायर करने के बाद उन्हें होंडुरास से प्रत्यर्पित किया गया था। अभियोजकों ने 55 वर्षीय हर्नांडेज़ पर अपने कार्यकाल के दौरान ड्रग कार्टेल के साथ साजिश रचने का आरोप लगाया था, क्योंकि होंडुरास से होते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर 400 टन से अधिक कोकीन ले जाया था।

अभियोजकों ने कहा, बदले में हर्नान्डेज़ को लाखों डॉलर की रिश्वत मिली, जिसका उपयोग उन्होंने होंडुरास की राजनीति में अपने उत्थान के लिए किया। हर्नान्डेज़ 2014 से 2022 तक होंडुरास के राष्ट्रपति थे। अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, कार्यालय में अपने वर्षों के दौरान, हर्नान्डेज़ ने अपने आंतरिक सर्कल में नशीली दवाओं के तस्करों को संरक्षित और समृद्ध किया। अपनी कार्यकारी शक्ति का उपयोग करके अमेरिका में कुछ दवाओं के प्रत्यर्पण का समर्थन किया। तस्करों ने सत्ता पर उसकी पकड़ को ख़तरा पैदा किया।

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