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निर्भया कांड के बाद भी हालात नहीं बदले : रवीना टंडन

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मुंबई, 27 अप्रैल (आईएएनएस)| पर्दे पर बेमिसाल अभिनय के साथ ही सामाजिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखने वाली अभिनेत्री रवीना टंडन का कहना है कि कठुआ और उन्नाव जैसी घटनाएं बताती हैं कि देश में अभी भी महिला सुरक्षा के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है और इसके लिए काम करना हर किसी की जिम्मेदारी है।

‘मस्त मस्त गर्ल’ के नाम से चर्चित अभिनेत्री ने महिला सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता जताते हुए आईएएनएस से कहा, मैंने महिलाओं और बच्चों के साथ हिंसा को लेकर हमेशा अपनी आवाज उठाई है और मैं लगातार यह करती रहूंगी। दुर्भाग्यवश जब भी इस तरह की भयावह और दुखद घटनाएं होती हैं तो इस पर एक माह तक खूब चर्चा होती है, फिर लोग उसे भूल जाते हैं जब तक कि फिर ऐसी घटना नहीं होती।

रवीना ने आगे कहा, लेकिन मैं खुश हूं कि इस बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैल रही है। मेरे अनुसार, निर्भया की घटना के बाद भी बहुत कुछ नहीं बदला है, लेकिन मैंने एक सकारात्मक चीज देखी है और वह है लोगों के बीच जागरूकता। इन मामलों पर केवल फिल्मी हस्तियां और अन्य प्रसिद्ध लोग ही नहीं बोल रहे हैं, बल्कि देशभर में लोग इस समस्या को लेकर अपनी चिंता जता रहे हैं।

उन्होंने कहा, मैं पहले भी महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर बात करती रही हूं। मैंने विभिन्न समाचार चैनलों पर भी इस तरह के अपराधों के खिलाफ अपना पुरजोर विरोध जताया है। पिछले साल मैंने एक फिल्म की थी ‘मातृ’ जिसकी पूरी शूटिंग दिल्ली में ही हुई थी। मैं उस समय भी पूरी तरह इस समस्या को लेकर जुनूनी थी कि इस तरह के अपराधों पर जल्द लगाम लगनी चाहिए।

रवीना कहती हैं, महिला सुरक्षा के प्रति जागरूकता हर किसी की जिम्मेदारी है। मुझे लगता है कि मीडिया को भी लोगों को इन घटनाओं को भूलने नहीं देना चाहिए और महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम करना चाहिए। मैं कहीं भी जाकर ढिंढोरा पीट लूं, लेकिन मीडिया के बिना मेरी आवाज लोगों तक नहीं पहुंचेगी। इसलिए बतौर मीडिया आप भी अपनी, अपने सहकर्मियों और लोगों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं।

रवीना ने नई दिल्ली में लिनेन क्लब का एक फैशन स्टोर लांच किया, जहां से उन्होंने अपने लिए एक साड़ी और अपने पति के लिए दो शर्ट भी खरीदीं।

उन्होंने कहा, मुझे इस ब्रांड की साड़ियां बहुत अच्छी लगीं। इसका कपड़ा बहुत आरामदायक है जो आप हर मौसम में पहन सकते हैं। मुंबई में ज्यादातर एक जैसा मौसम रहता है, इसलिए ऐसा परिधान कभी भी पहना जा सकता है।

फैशन पर बात करते हुए रवीना ने कहा, मेरे लिए किसी भी उत्पाद का नेचुरल (प्राकृतिक) होना बहुत जरूरी है। मुझे लगता है कि परिधानों में उपयोग होना वाला फैब्रिक भी ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक होना चाहिए जो न केवल सेहत के लिए अच्छा होता है, बल्कि सुविधाजनक भी होता है। मैं हमेशा वातावरण अनुकूल कपड़े पसंद करती हूं और सभी को ऐसा करने की सलाह देती हूं।

सुना जा रहा है कि रवीना अपनी फैशन लाइन भी लांच करने वाली हैं? इस पर मुस्कुराते हुए उन्होंने कहा, मैं जब भी ऐसा कुछ शुरू करूंगी तो वह उत्पाद पर्यावरण अनुकूल होगा। मैं नेचुरल फैब्रिक को तरजीह देती हूं, इसलिए मेरी फैशन लाइन में भी यही चीज शामिल होगी। नेचुरल फ्रैब्रिक मिलना हालांकि इतना आसान नहीं होता और फिर उत्पादन, डिजाइनिंग, मार्केटिंग जैसी चीजें भी होती हैं, फिर भी ध्यान रखा जाता है कि कीमत कम से कम रहे।

रवीना ने कहा, मैं बहुत इन्वायरमेंट कॉन्सश हूं और अपने दैनिक जीवन में मैं ज्यादातर प्राकृतिक चीजों का ही उपयोग करती हूं, इसलिए मैं जब भी कोई ऐसा व्यवसाय शुरू करूंगी तो उसमें भी इस चीज का खास ध्यान रखूंगी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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