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नीतीश चुने गए महागठबंधन विधायक दल के नेता

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पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महागठबंधन को स्पष्ट जनादेश मिलने के बाद शनिवार को तीनों घटक दलों के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में नीतीश कुमार को महागठबंधन विधायक दल का नेता चुन लिया गया। राजधानी पटना में जनता दल (युनाइटेड), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नवनिर्वाचित विधायकों ने एक संयुक्त बैठक में औपचारिक रूप से नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से महागठबंधन विधायक दल का नेता चुना।

महागठबंधन विधायक दल की बैठक के बाद जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने बताया कि महागठबंधन विधायक दल की बैठक में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा और कांग्रेस महासचिव सी़ पी़ जोशी ने इसका समर्थन किया। महागठबंधन के एक नेता ने बताया कि नीतीश कुमार अब शनिवार शाम राज्यपाल रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर बिहार में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।

इससे पहले जद (यू) विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को जद (यू) विधायक दल का नेता चुना गया। बैठक के बाद जद (यू) के प्रवक्ता संजय सिंह ने बताया कि जद (यू) विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को एक बार फिर नेता चुना लिया गया। उन्होंने बताया कि बैठक में नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव जद (यू) के वरिष्ठ नेता बिजेंद्र यादव ने रखा जिसका समर्थन श्याम रजक ने किया।

इधर, जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को औपचारिक रूप से जद (यू) विधायक दल का नेता चुन लिया गया। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपने की औपचारिकता पूरी की तथा 15वीं विधानसभा भंग करने की अनुशंसा की।

राज्यपाल कोविंद से मुलाकात के बाद नीतीश ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने राज्यपाल से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया और 15वीं विधानसभा भंग करने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले से अवगत कराया। राज्यपाल ने उन्हें राज्य में नई सरकार बनने तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने को कहा है।

इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यहां मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें राज्यपाल से 15वीं विधानसभा को भंग करने की अनुशंसा से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। नीतीश 20 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। उनके साथ 36 सदस्यीय मंत्रिपरिषद के सदस्य भी शपथ लेंगे।

उल्लेखनीय है कि 243 सदस्यीय राज्य विधानसभा के चुनाव में महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 80 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, जबकि जद (यू) ने 71 सीटों पर जीत दर्ज की है और कांग्रेस के खाते में 27 सीटें आई हैं। जद (यू) सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल में 16 मंत्री लालू प्रसाद के राजद से, 15 मंत्री जद (यू) से और पांच मंत्री कांग्रेस से होंगे।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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