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उत्तराखंड

नृत्य प्रतियोगिता में बच्चों ने दिखाया हुनर, खूब लूटी वाहवाही

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देहरादून।   यहां के क्रॉस रोड मॉल में आयोजित दून डान्‍स चैम्पियनशिप में प्रतिभागियों ने अपनी दिलकश प्रस्‍तुतियों से गजब का समां बांध दिया। रविवार को इस प्रतियोगिया का आयोजन नटराज डान्‍स एंड म्‍यूजिक एकेडमी की ओर से किया गया था।समारोह के मुख्‍य अतिथि डॉ. मुकुल शर्मा थे और जज की भूमिका निभाई नीति सक्‍सेना ने।

मोहक, दून डान्सद चैम्पियनशिप, क्रॉस रोड मॉल, नटराज डान्सि एंड म्यूऔजिक एकेडमी

 

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कार्यक्रम के अंत में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्‍कृत किया गया। डान्‍स के सीनियर वर्ग में नमन प्रथम, मोहित द्वि‍तीय और शिप्रा नारंग तृतीय स्‍थान पर रहे।

वहीं, जूनियर वर्ग में मुस्‍कान ने प्रथम, प्रशांत थापा ने द्वि‍तीय और अर्पित ने तृतीय पुरस्‍कार जीता। इस मौके पर दर्शकों ने समारोह का जमकर लुत्‍फ लिया।

 

 

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उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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