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बिजनेस

नेस्टअवे 5 हजार घरों को अपने नेटवर्क में शामिल करेगी

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नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)| ऑनलाइन होम रेन्टल कंपनी नेस्टअवे इस वित्त वर्ष 5 हजार घरों को अपने नेटवर्क में शामिल करेगी।

कंपनी छात्रों, ग्रेजुएट्स, नौकरीपेशा लोगों को किराये के घर ढूंढने में मदद करती है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि नेस्टअवे के घर दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा और गाजियाबाद में मौजूद हैं। इन शहरों में 2200 से अधिक घर और 7000 से अधिक किरायेदार रहते हैं, जिनमें करीबन 1500 घरों के मालिक विभिन्न स्थानों पर रहने वाले एनआरआई हैं।

नेस्टअवे के एनसीआर क्षेत्र के असिस्टेंड वाइस प्रेसिडेंट (व्यापार अधिग्रहण) कुलप्रीत सिंह ने कहा कि किरायेदारों को फर्निश्ड घर उपलब्ध कराने के अलावा नेस्टअवे ‘स्मार्ट होम्स’ की शुरुआत करने की योजना बना रही है, जिसके तहत सभी घरों में स्मार्ट लॉक सर्विस होगी। स्मार्ट लॉक एक सेफ्टी लॉकिंग सिस्टम है, जिससे नेस्टअवे के घरों में रहने वाले लोगों और खासकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी। यह सेवा एंड्रॉयड और आईओएस डिवाइस पर नेस्टअवे ऐप में उपलब्ध होगी।

उन्होंने कहा कि नेस्टअवे द्वारा शून्य ब्रोकरेज के अलावा सिर्फ दो महीने का सिक्योरिटी डिपॉजि़ट लिया जाता है, इसलिए यह किरायेदारों के लिए बड़े निवेश की समस्या को भी हल करता है। दिल्ली में बड़ी संख्या में होती आपराधिक गतिविधियों के कारण अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए नेस्टअवे के घर सुरक्षित लगते हैं।

सिंह ने कहा कि नेस्टअवे में किरायेदारों की सुरक्षा को सर्वाधिक प्राथमिकता दी जाती है। इसके नेटवर्क के घरों में 7000 प्लस अविवाहित नौकरीपेशा महिलाएं रह रही हैं। नेस्टअवे द्वारा किसी भी प्रकार के भेदभाद के खिलाफ सख्त नीति अपनाई जाती है और किसी भी घर के लिए जाति, धर्म, रंग, भाषा या खानपान की आदतों के आधार पर किरायेदारों से भेदभाव नहीं किया जाता।

नेस्टअवे ने अब तक डॉलर 4.32 करोड़ डॉलर का निवेश जुटाया है। इस कंपनी की शुरूआत अमरेंद्र साहू, दीपक धार, जितेंद्र जगदेव और स्मृति परिदा ने 2015 में की थी। नेस्टअवे की उपस्थिति बैंगलुरू, नई दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव, पुणे, हैदराबाद, गाजि़याबाद और मुंबई जैसे आठ शहरों में है। देश के 8 शहरों में नेस्टअवे के पास 10,000 से अधिक घर हैं जिनमें 25,000 से अधिक किरायेदार रहते हैं।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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