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बिजनेस

‘नैतिक वित्तपोषण’ की ही जीत होती है : अनिल अंबानी

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मुंबई, 27 दिसम्बर (आईएएनएस)| रिलायंस कम्यूनिकेशन के लिए अपने कर्जो का भुगतान करना न केवल व्यापार है, बल्कि नैतिक अनिवार्यता भी है। रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी ने आरकॉम के कर्ज में 6,000 करोड़ रुपये की कटौती की घोषणा करते हुए यह बात कही। अंबानी ने मंगलवार को एक प्रश्न के उत्तर में कहा, यह केवल व्यापार या कर्ज चुकाने के बारे में नहीं है। नैतिक रूप से जो सही है, उसे किया जा रहा है। यह हमेशा व्यापार के लिए हमारा दृष्टिकोण रहा है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा, हम हमेशा उनके साथ रहे हैं, जिन्होंने हमारा समर्थन किया है और हम में भरोसा जताया है। अंबानी ने कहा, केवल नैतिक वित्तपोषण की जीत होती है।

आरकॉम द्वारा जबरदस्त रूप से कर्ज में कटौती करने तथा ऋणदाताओं का भुगतान करने के निर्णय का सोशल मीडिया पर व्यापक स्वागत किया गया और बुधवार को भारत में हैशटैग अनिल अंबानी वॉक्सदटॉक नंबर 3 पर ट्रेंड कर रहा था।

अंबानी ने मंगलवार को कहा कि कंपनी ने आरकॉम के कर्जो का पूर्ण समाधान कर लिया है तथा अपनी संपत्तियों को बेचकर कर्ज की रकम में 25,000 करोड़ रुपये की कटौती कर इसे 6,000 करोड़ रुपये तक लाने में सफलता पाई है।

अंबानी ने कहा, असाधारण चुनौतियों का सामना करते हुए हमने जो हासिल किया है, वह भारतीय कॉरपोरेट इतिहास में वास्तव में ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है। ऑरकॉम के कर्ज में कुल 25,000 करोड़ रुपये की कमी आई है।

उन्होंने कहा, कर्जदाताओं के कर्ज को चुकाने के लिए संपत्तियों की बिक्री की पूरी प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से 2018 के जनवरी-मार्च तक पूरी हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि किसी भी कर्जदाता ने कर्ज में कोई छूट नहीं दी है। अंबानी ने यह भी कहा कि न तो किसी कर्ज को इक्विटी में बदला गया है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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