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नोटबंदी अपने एक खास लक्ष्य को हासिल करने में सफल : जेटली
नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)| पिछले साल 8 नवंबर को की गई नोटबंदी को भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास का एक महत्वर्पूण क्षण करार देते हुए, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि नोटबंदी का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य देश को कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाना तथा काले धन के प्रवाह में कमी लाना था, जिसे प्राप्त कर लिया गया है। लेकिन, उन्होंने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में स्वीकार किया कि कुछ लोगों को यह फायदा अभी नहीं दिख रहा है, लेकिन यह उनकी आनेवाली पीढ़ियों को दिखेगा।
उन्होंने कहा, अगली पीढ़ी नवंबर 2016 के बाद के राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विकास को गर्व की भावना के साथ देखेगी, क्योंकि यह उनके लिए निष्पक्ष और ईमानदार प्रणाली लेकर आई।
वित्त मंत्री ने कहा, नोटबंदी का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य देश को कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाना और ऐसा कर प्रणाली में काले धन के प्रवाह को कम करना था। नोटबंदी के बाद कुल 15.28 लाख रुपये बैंकिंग प्रणाली में वापस लौटे। यानि अर्थव्यस्था की लगभग समूची नकदी का पता लगा लिया गया है। अब यह गुमनाम नहीं रही।
उन्होंने कहा, इससे यह भी पता चला कि संदेहास्पद लेनदेन की रकम 1.6 लाख करोड़ रुपये से 1.7 लाख करोड़ रुपये तक है। अब यह कर प्रशासन और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों पर निर्भर है कि वे विशाल आंकड़ों का विश्लेषण कर संदेहास्पद लेनदेन को पकड़ें।
जेटली ने बताया कि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान संदेहास्पद लेनदेन की संख्या बढ़कर 3,61,214 हो गई, जोकि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान 61,361 थी।
मंत्री ने कहा कि नकदी से जुड़ी गुमनामी का पता लगाने के कारण ही निजी कर जमा करनेवालों में 56 लाख नए करदाता जुड़े हैं, जिन्होंने 5 अगस्त 2017 तक अपना रिटर्न फाइल किया था।
उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, गैर-कॉरपोरेट करदाताओं द्वारा दायर किए जानेवाले स्व-मूल्यांकन कर (र्टिन दाखिल करने वक्त खुद अनुमान लगाकर किया जानेवाला भुगतान) में इस साल 1 अप्रैल से 5 अगस्त के बीच पिछले साल (2016) की समान अवधि की तुलना में 34.25 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
जेटली ने कहा कि नोटबंदी के दौरान जुटाए गए आंकड़ों से 2.97 लाख संदिग्ध शेल कंपनियों की पहचान की गई है और उन पर कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा, इसके साथ आयकर विभाग ने 1,150 से अधिक शेल कंपनियों पर कार्रवाई की है, जिसके 22,000 से ज्यादा लाभार्थी थे और 13,300 करोड़ रुपये की रकम को वैध बनाने में जुटे थे।
जेटली ने निष्कर्ष में कहा, एक समग्र विश्लेषण में यह कहना गलत नहीं होगा कि देश अब एक अधिक स्वच्छ, पारदर्शी और ईमानदार वित्तीय प्रणाली की तरफ बढ़ रहा है।
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5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे
मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।
बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी 1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।
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