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बिजनेस

पर्यावरण मित्र बनिए, आनलाइन पुराना सामान बेचिए

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नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। अब आप अपने घरों में पुराने इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान, उपकरण, पुराने फर्नीचर, रद्दी पेपर और प्लास्टिक को बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए ठिकाने लगाना चाहते हैं तो वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी रिकार्ट को आनलाइन सामान बेच सकते हैं और पैसे हासिल कर सकते हैं।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि पुराना सामान बेचने के लिए प्रॉडक्ट का विस्तृत विवरण आॅनलाइन भरना होगा। इससे प्रॉडक्ट के लिए बेस्ट आॅफर प्राइस मिलेगी।

रिकार्ट पर सामान का विवरण देने से अनावश्यक पूछताछ से भी बचा जा सकता है और यह काम कंपनी करेगी। यहां तक कि सामान लेने के लिए कंपनी की गाड़ी निर्धारित समय पर आएगी और सामान ले जाएगी। सामान की कीमत भी कैश के रूप में तुरंत मिल जाएगी।

रिकार्ट का ध्येय है कि पुराना सामान अधिकतम मात्रा में री-साइकिल किया जाए, जिससे पर्यावरण को कोई खतरा न पहुंचे और न ही ग्लोबल वार्मिंग में इजाफा हो।

भारतीय शहरों में सक्षम आधारभूत ढांचे की कमी है, जिससे घर में बेकार पड़ी पुरानी चीजों का स्मार्ट कलेक्शन किया जाता है और सॉलिड वेस्ट का वेस्ट टु रिसोर्स सेंटर में ट्रांसपोर्टेशन किया जाता है।

रिकार्ट मार्केट में सेकंड हैंड प्रॉडक्ट्स का रेकॉर्ड रखता है और बेस्ट प्राइस आॅफर करता है। अगर आॅनलाइन प्रोडक्ट का विवरण नहीं देना चाहते तो 8010811211 पर मिस्ड कॉल कर सकते हंै। दरअसल कंपनी का मकसद तेजी से बढ़ती हुई स्मार्ट सिटीज के लिए एक सिस्टम डिवेलप करना है, जिससे बेस्ट आउट आॅफ वेस्ट निकाला जा सके।

कंपनी आरडब्ल्यूए, नगरनिगम, कबाड़ी, इंडस्ट्री, हेल्थ सेक्टर, रिहाइशी इलाकों और कॉरपोरेट्स को वेस्ट मैनेजमेंट सोल्यूशंस मुहैया कराती है। सॉलिड वेस्ट को एकत्रित कर इसका ट्रांसपोर्टेशन किया जाता है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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