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पीएम मोदी का मनमोहन पर वार, बोले- रेनकोट पहनकर नहाना कोई उनसे सीखे

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modi in rajyasabhaनई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में जैसे ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम लिया, सदन में हो-हल्ला मच गया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नोटबंदी के मुद्दे पर कहा कि रेनकोट पहनकर नहाना कोई मनमोहन सिंह से सीखे।

मोदी की इस टिप्पणी पर सदन में मौजूद कांग्रेस सदस्य हंगामा करने लगे और सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर सदन से बाहर चले गए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मनमोहन सिंह पिछले 30-35 वर्षों से देश की आर्थिक गतिविधियों से सीधे तौर पर निर्णायक भूमिका में जुड़े रहे हैं..कोई और व्यक्ति नहीं रहा, आजादी के बाद के 70 वर्षो की अवधि में आधे समय तक वह शीर्ष पर रहे। इस दौरान इतने घोटाले हुए, लेकिन उन पर एक भी आरोप नहीं लगा। रेनकोट पहनकर नहाना तो कोई उनसे सीखे।”

मोदी की इस टिप्पणी पर हंगामा करते हुए कांग्रेस सदस्यों ने सदन का बहिष्कार किया और सदन से बाहर निकल गए। कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी सदन का बहिष्कार किया। कांग्रेस सदस्यों द्वारा विरोध किए जाने पर केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा, “प्रधानमंत्री को हिटलर और मुसोलिनी कहा गया..हमें मत सिखाइये।”

इसके बाद कांग्रेस सदस्य सदन से बाहर चले गए। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने एकबार फिर नोटबंदी के अपने फैसले को उचित ठहराते हुए कहा कि नोटबंदी राजनीतिक फैसला नहीं है और न ही यह किसी राजनीतिक दल को परेशान करने की लड़ाई है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “दुनिया में कहीं इतना बड़ा और व्यापक निर्णय नहीं हुआ, इसलिए दुनिया के अर्थशास्त्रियों के पास भी इसके मूल्यांकन के लिए कोई मापदंड नहीं है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “ऐसा पहली बार हुआ है कि जनता का मिजाज कुछ है और नेताओं का मिजाज उनसे अलग। इस बार सरकार और जनता साथ-साथ थी।”

मोदी ने नोटबंदी के फायदे गिनाते हुए कहा, “नोटबंदी से गरीबों को फायदा हुआ। गरीबों का हित छीन लिया जाता है और मध्यम वर्ग का शोषण होता है। हम कब तक इन समस्याओं को लेकर गुजारा करेंगे। दुश्मन देश में जाली नोटों का कारोबार करने वालों को आत्महत्या करनी पड़ी।”

मोदी ने कहा, “पिछले कुछ दिनों में सबसे ज्यादा नक्सलवादियों ने समर्पण किया है। सरकार ने असम के चाय बागान मजदूरों को बैंक खाते खुलवाए। इस कारण उन्हें पूरा वेतन मिलने लगा। जब इतनी ज्यादा धनराशि बैंकों के पास आई तो कर्ज देने की ताकत बढ़ी और ब्याज दर कम हुई।”

प्रधानमंत्री ने नोटबंदी को कड़ा फैसला कहते हुए उसके बाद आई परेशानियों की बात स्वीकार की। उन्होंने कहा, “परेशानियां तो आईं, लेकिन क्या परेशानियों के कारण कुछ करना छोड़ देना चाहिए?”

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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