खेल-कूद
पूर्व फुटबाल खिलाड़ी सुब्रत भट्टाचार्या को मिलेगा मोहन बागान रत्न
कोलकाता, 30 जून (आईएएनएस)| भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व डिफेंडर सुब्रत भट्टाचार्या को मोहन बागान रत्न से नवाजा जाएगा।
इस बात की घोषणा शुक्रवार को क्लब ने की। यह अवार्ड भारत के सबसे पुराने फुटबाल क्लबों में से एक का सर्वोच्च अवार्ड है।
क्लब बलवंत सिंह को साल के सर्वश्रेष्ठ फुटबाल खिलाड़ी का अवार्ड देगा। देबब्रत दास को साल के सर्वश्रेष्ठ पुरुष क्रिकेट खिलाड़ी का पुरस्कार मिलेगा।
वहीं भारतीय महिला क्रिकेट टीम की गेंदबाज झूलन गोस्वामी, महिला धावक लिलि दास और माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले शेख शाहबुद्दीन को भी विशेष पुरस्कार दिए जाएंगे।
सुब्रत ने मोहन बागान के अलावा ईस्ट बंगाल, प्रयाग युनाइटेड के कोच के तौर पर भी काम किया है।
अर्जुन अवार्ड धारक यह पूर्व खिलाड़ी 1984 में एशियन कप में खेलने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे।
वह 1977 में मोहन बागान की टीम के कप्तान भी रहे थे। वह यह सम्मान पाने वाले 17वें खिलाड़ी हैं जिसकी शुरुआत 2001 में हुई थी।
खेल-कूद
IPL Auction: 13 साल के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, बन गए सबसे युवा करोड़पति
पटना। बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने महज 13 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। वैभव को आईपीएल मेगा नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। 13 साल 243 दिन की उम्र में वैभव आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स उन्हें अपने साथ जोड़ने में दिलचस्पी दिखाई। राजस्थान ने 1.1 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा।
वैभव ने हाल ही में सबका ध्यान अपनी ओर खींचा जब वह अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज (13 वर्ष, 288 दिन) बने। उन्होंने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ भारत अंडर-19 के लिए खेले गए यूथ टेस्ट में 62 गेंदों पर 104 रन बनाए। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने 58 गेंदों पर शतक बनाया। यह किसी भारतीय का सबसे तेज यूथ टेस्ट शतक और दुनिया में दूसरा सबसे तेज शतक था।
वैभव एक बेहतरीन खिलाड़ी है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 आईपीएल में वह जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे। वैभव की बात करें तो वह बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। महज 13 साल के बेटे के करोड़पति बनने के बाद उनके पिता भावुक नजर आ रहे हैं।
एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया। अपनी खेती तक की जमीन बेच दी ताकि वैभव क्रिकेट खेल सके और अपना करियर बना सके। वैभव के बारे में बात करते हुए पिता ने बताया कि उसे हमेशा से क्रिकेट में रूचि थी और वह महज 5 साल का था, तब से क्रिकेट खेल रहा है। वैभव को उनके पिता ने ही घर में नेट प्रैक्टिस करवाई, जिसके बागद समस्तीपुर क्रिकेट एकेडमी भेजा। उनके पिता ने बेटे की कामयाबी के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी का भी शुक्रिया किया।
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