Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने क्लीनमैक्स सोलर से की साझेदारी

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)| पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने अपने दिल्ली स्थित केंद्र के साथ-साथ देशभर में स्थित अपनी अनुषंगी इकाइयों में सौर ऊर्जा अपनाने के लिए क्लीनमैक्स सोलर के साथ हाथ मिलाया है। मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय के नोएडा स्थित द नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्टिंग (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ) ने सोमवार को अपनी 15केजी परियोजना का उद्घाटन किया। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में स्थापित ये रूफटॉप सोलर प्लांट ओपेक्स मॉडल अर्थात ‘पे एज यू गो’ के सिद्धांत पर आधारित हैं।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह एक निवेश मुक्त, जोखिम मुक्त और परेशानी मुक्त मॉडल है जो विद्युत ग्रिड के मुकाबले औसतन 30 प्रतिशत सस्ती दरों में ऊर्जा उपलब्ध कराएगा। नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आमंत्रित किए गए इंडिया एसएमई टेक्नालॉजी सर्विसेस लि. (आईएसटीएसएल) के इस टेंडर के तहत एमओईएस दिल्ली, एनसीएमआरडब्ल्यूएफ नोएडा, आईएनसीओआईएस हैदराबाद, एनआईओटी चेन्नई और आईआईटीएम पुणे में रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं।

दिल्ली, नोएडा, हैदराबाद, चेन्नई और पुणे जैसे शहरों में स्थित पांच संस्थानों के पास संचयित 968 केडब्ल्यूपी की सौर क्षमता के बल पर यह उपक्रम सालाना 36.54 लाख रुपयों की बचत करने के साथ-साथ 1200 टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन घटाएगा।

क्लीनमैक्स सोलर के सह-संस्थापक एंर्डयू हाइंन्स ने कहा, कॉरपोरेट संस्थानों को रूफटॉप सोलर सोल्यूशंस दिलाने के क्षेत्र में क्लीनमैक्स पहले से ही इंडस्ट्री की लीडर है, अब हमें सौर ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार एवं संस्थागत ग्राहकों की मदद करने का शानदार मौका दिखाई दे रहा है। एमओईएस के लिए ऊर्जा मांग और आपूर्ति की खाई पाटने तथा स्थिरता एवं वहनीयता के लक्ष्यों की प्राप्ति में मददगार बनकर हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, आज ज्यादा से ज्यादा सरकारी निकाय केंद्र सरकार की सौर-आत्मनिर्भरता वाली दृष्टि अपना रहे हैं तथा बिना अग्रिम पूंजी निवेश के इसे सक्रिय रूप से अंगीकार कर रहे हैं। एमओईएस के अलावा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी (आईआईटी), बीएचयू, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी (एनआईटी), सूरथकल (कर्नाटक) तथा विभिन्न सीपीडब्ल्यूडी इमारतें, जैसे कि आयकर भवन, प्रतिष्ठा भवन और कस्टम्स व एक्साइज बिल्डिंग्स (पुणे/मुंबई/बैंगलुरू) आदि ने हमारे सौर-समाधान अपनाएं हैं।

Continue Reading

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending